सोनभद्र नरसंहार: प्रियंका गांधी की 'राह में रोड़ा' बनी योगी सरकार, अब क्या करेंगी?

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र हत्याकांड मामले में मारे गए 10 लोगों के परिजनों से मिलने के लिए बुधवार को सोनभद्र जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मिर्जापुर में ही रोक दिया गया, जिसके बाद वो सोनभद्र जाने के लिए अड़ गईं और वहीं पर धरने पर बैठ गईं.
प्रियंका को नारायणपुर पुलिस स्टेशन के पास रोका गया और जब वो वहां से वापसी के लिए तैयार नहीं हुईं तो पुलिस उन्हें चुनार किले के अंदर बने गेस्ट हाउस ले गई. प्रियंका ने यहां भी धरना प्रदर्शन किया और उनका धरना अभी भी जारी है.
प्रियंका गांधी ने साफ कर दिया है कि वो पीड़ित परिवारों से मिले बिना वापस नहीं आएंगी. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने कहा कि सबकुछ साफ है, पीड़ित परिवारों के साथ नरसंहार हुआ. ऐसे में प्रियंका गांधी उनसे मिलने जा रही थीं, लेकिन उन्हें रोक दिया गया. प्रशासन को किस बात का डर है ये तो हमें वो बता नहीं पाए. उन्होंने कहा कि पता नहीं क्या हो जाए.
पुनिया ने कहा कि प्रशासन गलत संभावनाएं बता रहा है और सरकार जानबूझकर अपनी नाकामियों को छुपाना चाहती है. जो पीड़ित परिवार आशा के साथ बैठे हुए हैं कि प्रियंका गांधी दुख में शामिल होने के लिए आ रही हैं, उसका भी उन्हें खयाल नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने आई हैं और वो मिलेंगी और वहीं जाकर मिलेंगी.
इस बीच प्रियंका गांधी ने भी साफ शब्दों में कहा है कि वो पीड़ित परिवारों से मिले बिना वहां से नहीं हटेंगी. उन्होंने कहा कि मैं जेल चली जाउंगी लेकिन जमानत नहीं लूंगी.
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून-व्यवस्था पी.वी. रामाशास्त्री ने बताया कि प्रियंका गांधी वाड्रा हिरासत में हैं. प्रियंका को शुक्रवार को एसडीएम ने सोनभद्र जाने से रोका. एसडीएम ने अपने अधिकारों का प्रयोग करके उस इलाके में धारा 144 लगाई थी. धारा 144 का उल्लंघन करने पर प्रियंका को हिरासत में लिया गया है. उन्हें फिलहाल चुनार गेस्ट हाउस में हिरासत में रखा गया है.
पुलिस ने प्रियंका गांधी, पूर्व विधायक अजय राय, ललितेशपति त्रिपाठी समेत दस लोगों के खिलाफ शांतिभंग की आशंका में धारा 151, 107,16 के तहत कार्रवाई की है. पुलिस अधिकारियों ने प्रियंका गांधी को निजी मुचलके पर रिहा करने के लिए उनसे कागजात पर हस्ताक्षर करने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. अधिकारियों का कहना है कि अगर वह निजी मुचलके पर हस्ताक्षर कर देती हैं और सोनभद्र जाने की मांग छोड़ देती हैं तो उन्हें रिहा कर दिया जाएगा.

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