विदेश मंत्रालय का पाकिस्तान को जवाब- पहले कुलभूषण पर पूरा फैसला तो पढ़ें

कुलभूषण जाधव केस में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को पाकिस्तान द्वारा अपनी जीत बताए जाने पर भारती विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पाकिस्तान के दावों की हवा निकालते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का पूरा फैसला पढ़ने की नसीहत दी.
कुमार ने कहा कि न्यायालय का फैसला 42 पन्नों का है. यदि पाकिस्तान में पूरे 42 पन्ने पढ़ने का धैर्य न हो तो वह 7 पन्नों की प्रेस रिलीज ही पढ़ लें. जिसमें हर बिंदु पर फैसला भारत के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अपनी मजबूरियां हैं. जिसकी वजह से वह अपने नागरिकों से झूठ बोल रहा है.

हाफिज की गिरफ्तारी नाटक
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हाफिज सईद की गिरफ्तारी को नाटक बताया. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी-रिहाई, गिरफ्तारी-रिहाई, यह लंबे समय से हो रहा है. भारत में होने वाली हर बड़ी आतंकी घटना के बाद उसे गिरफ्तार किया गया और फिर किसी आधार या अन्य कारणों से रिहा कर दिया गया. रवीश कुमार ने कहा कि सन 2001 से अब तक ऐसा 8 बार हो चुका है. मेरी नजर में यह नाटक ही है.

उन्होंने कहा कि अब सवाल यह है कि क्या इस बार हाफिज की गिरफ्तारी महज दिखाई के लिए उठाए गए कदम से अधिक होगी? क्या हाफिज सईद को उसकी आतंकवादी गतिविधियों के लिए सजा सुनाई जाएगी? विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि इस बार हाफिज सईद के साथ न्याय होगा.
गौरतलब है कि पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई थी. भारत इसके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय पहुंच गया था और वियना संधि और अन्य अंतरराष्ट्रीय संधियों के उल्लंघन का आरोप लगाते सजा सुनाए जाने तक कानूनी प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने दो वर्ष से अधिक चली सुनवाई के बाद बुधवार को जाधव की सजा पर रोक लगाने के साथ ही पाकिस्तान को काउंसलर उपलब्ध कराने का आदेश दिया था. पाकिस्तान तब से इसे अपनी जीत के रूप में प्रस्तुत कर रहा था.
 

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