जम्मू-कश्मीर: राजनाथ सिंह 'कारगिल विजय दिवस' पर 20 जुलाई को करेंगे कारगिल का दौरा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 'कारगिल विजय दिवस' के अवसर पर 20 जुलाई को कारगिल का दौरा करेंगे। राज्य के एक दिवसीय दौरे पर आ रहे रक्षामंत्री कारगिल शहीदों को नमन करने के साथ जम्मू कश्मीर के सुरक्षा हालात का जायजा भी लेंगे।  
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए 20 जुलाई को कारगिल के द्रास आ रहे हैं।कारगिल विजय के 20 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में इस समय देशभर में कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है। ऐसे में गत दिनों रक्षामंत्री ने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में विजय मशाल को कारगिल के लिए रवाना किया था। कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय मुख्य कार्यक्रम द्रास में 24 जुलाई से शुरू हो रहा है। 
जानकारी के अनुसार 20 जुलाई को राज्य के एक दिवसीय दौरे पर आ रहे रक्षामंत्री कारगिल शहीदों को नमन करने के साथ जम्मू कश्मीर के सुरक्षा हालात का जायजा भी लेंगे। इस समय राज्य में श्री बाबा अमरनाथ यात्रा जारी है और सेना, सुरक्षाबल बेहतर समन्वय से आतंकवादियों पर भारी दबाव बनाते हुए इस यात्रा को सुरक्षित बनाने की मुहिम पर हैं। 
 
रक्षामंत्री द्रास के बाद जम्मू का दौरा कर संभाग के सांबा व अखनूर के सुरक्षा हालात का जायजा लेंगे। रक्षामंत्री बनने के बाद जम्मू संभाग का यह उनका पहला दौरा होगा। इस दौरान वह सीमांत क्षेत्रों में लोगों को पाकिस्तान की गोलाबारी से बचाने के लिए बंकर निर्माण के साथ सेना के अन्य कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों का भी जायजा लेंगे।
जानकारी हो कि साल 1999 के कारगिल युद्ध के बारे में सोचकर आज भी भारतीयों का मन गर्व से भर उठता है।यह ऐसा युद्ध था, जिसमें पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था। 26 जुलाई को कारगिल युद्ध के 20 साल पूरे हो जाएंगे। कारगिल युद्ध के शहीदों की याद में भारतीय सेना कई कार्यक्रम आयोजित कर रही है। करगिल के जांबाजों की याद में दिल्ली के वॉर मेमोरियल से एक विजय मशाल निकाली गई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस विजय मशाल को जलाकर कारगिल के शहीद जवानों को याद किया था । इस मौके पर आर्मी चीफ बिपिन रावत भी मौजूद थे। कारगिल के वीरों की याद में इंडिया गेट के वॉर मेमोरियल से यह मशाल द्रास के उसी मेमोरियल तक जाएगी, जहां वीरों की गौरवगाथा लिखी है। कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में भाग ले चुके सैनिकों के अलावा एनसीसी कैडेट्स और छात्र भी शामिल हुए। 
बता दें कि मशाल की डिजाइन बेहद अलग है. इसका सबसे ऊपर का हिस्सा कॉपर का, बीच का हिस्सा कांसे का और नीचे का हिस्सा लकड़ी का है। अमर जवानों के त्याग को दर्शाने वाला चिह्न बीच में है। कारगिल विजय को अभी 12 दिन बाकी हैं। 11 शहरों से होते हुए ये मशाल द्रास तक पहुंचेगी। मशाल को टाइगर हिल, तूलिंग प्वाइंट और प्वाइंट 4875 पर भी ले जाया जाएगा।
 

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