यूपीः ईडी ने पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद से पूछताछ की, अखिलेश यादव पर भी आंच

यूपी के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति से ईडी की टीम ने लखनऊ में करीब 2 घंटे पूछताछ की. लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में भर्ती गायत्री को कड़ी सुरक्षा के बीच प्राइवेट वार्ड में लाया गया जहां पुलिस व ईडी के तमाम अफसरों की मौजूदगी में पूछताछ की गई.
अवैघ खनन पट्टे मामले में आरोपी गायत्री प्रजापति केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग में पिछले करीब डेढ़ माह से भर्ती हैं. डॉक्टरों का कहना है कि उनकी दोनों किडनी खराब हैं और उन्हें पेशाब संबंधी दिक्कतें हैं. 
ईडी की टीम ने उनसे खनन पट्टे दिये जाने के तरीकों, नियमों के पालन और क्या-क्या कैसे-कैसे किया इसके बारे में पूछताछ की.
आरोप के मुताबिक समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान नियमों का उल्लंघन कर 22 खनन पट्टों के आवंटन की अनुमति दी गई. इसमें से 14 खनन पट्टों के आवंटन की पत्रावली पर अनुमोदन अखिलेश यादव ने बतौर खनन मंत्री किया था. अन्य 8 मामलों का तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने अनुमोदन किया था. खनन मंत्री रहे गायत्री से पूछताछ का सीधा असर अखिलेश यादव पर भी होगा क्योंकि खनन मंत्री के तौर पर उन्होंने कुछ पट्टों को मंजूरी दी थी.
इस मामले के शुरुआत में सीबीआई ने हमीरपुर में हुए खनन घोटाले में केस दर्ज करते हुए हमीरपुर में जिलाधिकारी रहीं बी चंद्रकला समेत 11 लोगों को नामजद किया था. साथ ही 12 स्थानों पर छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज बरामद किए  थे. सीबीआई की एफआईआर के बाद उसी आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने भी केस दर्ज किया था.
जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने गायत्री की संपत्तियों का ब्योरा जुटाया था, इसमें उनकी संपत्ति कुछ वर्षों में ही कई गुना बढ़ने की बात सामने आई थी. इसके बाद गायत्री से पूछताछ के लिए ईडी ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी. गायत्री से पूछताछ के लिए जेल अधिकारियों को भी सूचित किया गया.
सूत्रों के मुताबिक गायत्री के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के पास तमाम दस्तावेज हैं जिसमें प्रजापति की संलिप्तता की बात साफ होती है. इन्हीं कागजात के आधार पर गायत्री से पूछताछ की गई है. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के मुताबिक गायत्री अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकार रहे हैं लेकिन एजेंसी के पास आरोप के सपोर्ट में काफी दस्तावेज हैं.
गायत्री प्रजापति ने पूछताछ के दौरान कई बार अपनी खराब सेहत का हवाला दिया जिसकी वजह से कुछ देर तक पूछताछ रोक दी गई, इसके बाद दोबारा पूछताछ की गई. सूत्रों के मुताबिक गायत्री से पूछताछ में कई बातें ऐसी भी आई हैं जिनसे उस वक्त खनन विभाग में तैनात कई अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है. जिसमें तात्कालीन प्रधान सचिव से लेकर खनन इंस्पेक्टर तक शामिल हैं.
प्रवर्तन निदेशालय आने वाले दिनों में इन लोगों से भी पूछताछ कर सकता है. साथ ही जिस आरोप में गायत्री प्रजपति से ईडी की पूछताछ चल रही है आरोप है कि उसी तरह की गडबड़ी तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खनन मंत्रालय का कार्यभार संभालने के दौरान हुई. ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय की जांच में अखिलेश यादव भी शामिल किए जा सकते हैं.

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