यौन शोषण मामले में विधायक प्रदीप यादव को झटका, झारखंड HC ने खारिज की जमानत याचिका

झारखंड हाई कोर्ट से झाविमो के विधायक प्रदीप यादव को जोर का झटका लगा है। उच्‍च न्‍यायालय ने अपनी ही पार्टी की महिला नेत्री का यौन शोषण करने के मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने आरोपित विधायक प्रदीप यादव के खिलाफ गंभीर आरोपों और पर्याप्त सबूत का हवाला देते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका नामंजूर कर दी।
अपनी ही पार्टी की महिला नेत्री के यौन शोषण मामले में आरोपित विधायक प्रदीप यादव की अग्रि‍म जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस क्रम में जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने प्रदीप यादव के खिलाफ गंभीर आरोपों की बात कहते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। निचली अदालत ने प्रदीप यादव की अग्रिम जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी है।
आज सुनवाई के दौरान प्रदीप यादव के वकील की ओर से दलील दी गई कि 20 अप्रैल की यह घटना है और तीन मई को एफआइआर दर्ज की गई। घटना और एफआइआर के बीच 13 दिन का अंतराल है। इससे लगता है कि यह सोची समझी साजिश के तहत प्रदीप यादव को फंसाया गया है। यह भी दलील दी गई कि प्रदीप यादव मामले में जांच टीम को सहयोग कर रहे हैं। इसलिए अग्रिम जमानत दी जाए। लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी एक न सुनी। कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुनने और आरोप देखने के बाद कहा कि प्रदीप यादव शक्तिशाली व्यक्ति हैं। उन पर दर्ज मामला गंभीर है। इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।
निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए उनकी ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। बता दें कि उनकी पार्टी की एक महिला नेत्री ने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए प्रदीप यादव के खिलाफ देवघर में प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्रदीप यादव ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत की देने की गुहार लगाई थी। इधर पुलिस भी प्रदीप यादव की गिरफ्तारी के लिए रांची समेत उनके कई ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। 

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