दिल्ली सरकार का फैसला, स्कूलों में वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाई जाएगी मैथिली

दिल्ली सरकार ने मैथिली और भोजपुरी को बढ़ावा देने के लिए सोमवार को कई कदमों की घोषणा की। इसमें आठवीं कक्षा से 12वीं तक मैथिली को वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाने और आईएएस की तैयारी करने वाले ऐसे छात्रों को मुफ्त कोचिंग का प्रबंध करना शामिल है जिन्होंने वैकल्पिक विषय के तौर पर इसे चुना हो। 

बता दें कि यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दिल्ली में विधानसभा चुनावों में कुछ ही वक्त रह गया है। दिल्ली में इन भाषाओं को बोलने वाले लोगों की तादाद अच्छी-खासी है और वह चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल की किस्मत का फैसला करने में अहम भूमिका रखते हैं।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा, 'मैथिली दिल्ली के स्कूलों में आठवीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाई जाएगी। दिल्ली के छात्र अब उर्दू और पंजाबी की तरह मैथिली को वैकल्पिक विषय के तौर पर सीख पाएंगे।' सरकार के मुताबिक दिल्ली में करीब 60 से 70 लाख मैथिली और भोजपुरी भाषी लोग हैं। सिसोदिया ने कहा कि आप सरकार केंद्र सरकार से भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का भी अनुरोध करेगी। 

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