चुनाव से पहले 'रिपोर्ट कार्ड' तैयार करने में जुटे AAP विधायक, क्या मिलेगा टिकट?

विधानसभा चुनाव में जनता का भरोसा जीतने के लिए आम आदमी पार्टी के विधायकों ने अब कमर कस ली है. आप विधायक पिछले साढ़े 4 साल के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में जुट गए हैं. रिपोर्ट कार्ड के जरिए 'आप' दिल्ली में केजरीवाल सरकार के विकास कार्यों का लेखा-जोखा इकट्ठा करने में लगी हैं. इसके अलावा पिछली सरकारों में विरोधी राजनीतिक दलों के विधायकों के बकाया काम की एक किताब बनाने में व्यस्त है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या ये रिपोर्ट कार्ड 'आप' विधायकों को दोबारा टिकट दिलाने में मदद करेगा? इस बारे में आज तक ने आम आदमी पार्टी के विधायकों से बातचीत की.
रिपोर्ट कार्ड आगामी विधानसभा चुनाव में प्रचार का हिस्सा
आम आदमी पार्टी विधायकों द्वारा तैयार किया जा रहा रिपोर्ट कार्ड आगामी विधानसभा चुनाव में प्रचार का हिस्सा भी होगा. चुनावी रणनीति और रिपोर्ट कार्ड पर 'आजतक' ने सबसे पहले बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक संजीव झा से बातचीत की. 'आप' विधायक संजीव झा ने कहा कि, 'आम आदमी पार्टी ने जो वादे किये थे उसे जल्द से जल्द पूरे करने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही पिछले पांच साल में जितने काम किए उसकी भी पूरी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. इस रिपोर्ट में लोगों को हम बताएंगे कि आम आदमी पार्टी ने कितने काम किए और पुराने बाकी विधायकों ने क्या काम नहीं किया है. चुनाव से पहले रिपोर्ट कार्ड को जनता के सामने पेश करेंगे.'
इसके बाद 'आजतक' ने आम आदमी पार्टी के महरौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक नरेश यादव से बातचीत की. 'आप' विधायक नरेश यादव ने बताया कि वो हर साल अपने इलाके में किए काम की रिपोर्ट तैयार करते हैं. चुनाव से पहले रिपोर्ट कार्ड के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि, 'अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं, इसलिए पिछले साढ़े 4 साल के कामकाज की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. अपने कामकाज की सालाना रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को देते रहते हैं. हमारी सरकार ने ऐसा सिस्टम बनाया है, जिसमें विधायकों के हर काम की जानकारी होती है.'
ऐसे ही आम आदमी पार्टी के तिमारपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक पंकज पुष्कर भी एक रिपोर्ट कार्ड बनाने की तैयारी कर रहे हैं. रिपोर्ट कार्ड के बारे में पूछे जाने पर 'आप' विधायक पंकज पुष्कर ने कहा, 'मेरे ख्याल से हर विधायक अपने तरीके से अपने काम का मूल्यांकन कर रहा है और जनता के बीच जा रहा है. हम कामकाज के आधार पर अपना एक रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रहे हैं. जैसे परीक्षा में जाने से पहले तैयारी करनी होती है वैसे ही विधानसभा चुनाव की तैयारियां कर रहे हैं. साथ ही रिपोर्ट कार्ड पार्टी नेतृत्व के सामने भी रखूंगा.'
हालांकि क्या विधायकों के लिए एक रिपोर्ट कार्ड, सिर्फ जनता का भरोसा जीतने के लिए बड़ा हथियार साबित होगा? या फिर पार्टी नेतृत्व या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आगामी विधानसभा चुनाव में विधायक के कामकाज के आधार पर उम्मीदवार का चयन करेंगे? इन सवालों को जब 'आजतक' ने आम आदमी पार्टी विधायकों से पूछा तो दिलचस्प जवाब सामने आए.
रिपोर्ट कार्ड पर क्या कहते हैं विधायक
बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक संजीव झा का कहना है कि, 'रिपोर्ट कार्ड जनता को बताने के लिए है. जबकि टिकट देने का काम ऊपर के लोगों का है वही टिकट तय करेंगे.'
रिपोर्ट कार्ड के आधार पर टिकट दिए जाने के सवाल पर तिमारपुर विधानसभा क्षेत्र से 'आप' विधायक पंकज पुष्कर ने जवाब देते हुए कहा कि, 'मेरे ख्याल से रिपोर्ट कार्ड को देखकर ही टिकट दिये जाने चाहिए. क्योंकि हम वंशवादी परंपरा से नहीं आते हैं, हम एक गैर राजनीतिक वंश से आते हैं और हम सब को मौका मिला है कि नए तरीके से नए आइडिया के साथ सरकार में काम कर सकें.  इसलिए रिपोर्ट कार्ड को जांचने के बाद पार्टी नेतृत्व को निर्णय लेना चाहिए.'
तो वहीं महरौली से आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश यादव का कहना है कि विधायकों के कामकाज पर सर्वे के आधार पर ही चुनाव का टिकट मिलना चाहिए. 'आप' विधायक नरेश यादव ने कहा, 'टिकट कटने का कोई आधार नही है. ये, जरूरी है कि विधायक की जनता के बीच क्या छवि है? क्या आप जनता के बीच जीतने वाले विधायक बनेंगे? हर पार्टी को सोचना चाहिए कि एक विधायक अपने साढ़े 4 साल के काम के आधार पर जीत सकता है या नहीं. एक सर्वे होना चाहिए, जिसके आधार पर टिकट मिले.'
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीटें जीतकर सत्ता में आने वाली आम आदमी पार्टी के लिए आगामी चुनाव एक बड़ी चुनौती हो सकता है. पार्टी का 70 पॉइंट एजेंडा जमीन पर कितना खरा उतरा, इसका हिसाब अब जनता के बीच जाकर देने के लिए आम आदमी पार्टी के विधायक तेजी से काम कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने आगामी चुनाव के लिए 'आपका विधायक आपके द्वार' जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत भी कर दी है. हालांकि पार्टी नेतृत्व क्या चुने हुए विधायकों में बदलाव करेगा, या उन्हें दोबारा मौका देगा, ये आने वाले दिनों में ही साफ हो पाएगा. लेकिन यहां ये भी देखना होगा कि जनता का भरोसा जीतने के लिए विधायकों द्वारा तैयार किया जा रहा रिपोर्ट कार्ड, खुद इन विधायकों को टिकट के नजदीक पहुंचाने में कितना मददगार साबित होता है.

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