मायावती ने धार्मिक नारों की आड़ में हिंसा पर उठाया सवाल, BJP ने दिया जवाब

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को 'जय श्रीराम' नारे को लेकर हो रही घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया दी. मायावती ने टि्वटर पर लिखा, 'यूपी सहित कुछ राज्यों में जबरन अपने धार्मिक नारे लगवाने व उस आधार पर जुल्म-ज्यादती की जो नई गलत प्रथा चल पड़ी है वह अति-निन्दनीय है. केन्द्र व राज्य सरकारों को इस हिंसक प्रवृति के विरुद्ध सख्त रवैया अपनाने की जरूरत है, ताकि भाईचारा व सद्भावना हर जगह बनी रहे व विकास प्रभावित न हो.'
मायवाती के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हाराव ने कहा कि मायावती भी अब ममता बनर्जी की राह पर चल रही हैं. किसी एक धर्म को जो राम का नाम लेता है, वो उसको कैसे रोक सकती हैं?
आपको बता दें कि झारखंड में मॉब लिंचिंग के शिकार तबरेज अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन ने सेराईकेला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है और आरोप लगाया है कि जमशेदपुर से बाइक से लौटने के दौरान तबरेज को कुछ लोगों ने पकड़ लिया. तबरेज को पेड़ से बांधा गया और निदर्यतापूर्वक पीटा गया और 'जय श्रीराम' बोलने के लिए मजबूर किया गया. मायावती ने अपने ट्वीट में इसी घटना की ओर इशारा किया है.
अभी हाल में मायावती ने मॉब लिन्चिंग को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की नीति की देन के कारण सर्वसमाज के लोग इसका शिकार हो रहे हैं. उन्होंने ट्वीट के माध्यम से लिखा कि "मॉब लिन्चिंग एक भयानक बीमारी के रूप में देश भर में उभरने के पीछे वास्तव में खासकर बीजेपी सरकारों की कानून का राज स्थापित नहीं करने की नीयत व नीति की ही देन है जिससे अब केवल दलित, आदिवासी व धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के लोग व पुलिस भी शिकार बन रही है."
गौरतलब है कि विधि आयोग के अध्यक्ष (सेवानिवृत्त) आदित्य नाथ मित्तल ने मॉब लिन्चिंग की रिपोर्ट के साथ तैयार मसौदा विधेयक उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष पेश किया है. इस 128 पन्नों की रिपोर्ट में प्रदेश में मॉब लिन्चिंग के अलग-अलग मामलों का जिक्र है. इसमें 2018 में सुप्रीम कोर्ट की ओ से की गई सिफारिशों के आधार पर कानून को तत्काल लागू करने की संस्तुति की गई है.

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