18 जुलाई को होगा कुमारस्वामी सरकार का शक्ति परीक्षण

कर्नाटक में ये सियासी ड्रामा 6 जुलाई को शुरू हुआ था जब कांग्रेस के दर्जन भर विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देने वाले विधायकों में विधायक रमेश जरकीहोली, बीसी पाटिल, महेश कुमतल्ली, प्रताप गौड़ा पाटिल, शिवराम हेब्बर, सुब्बा रेड्डी और एस विश्वनाथ, नारायण गौड़ा, मलिंगा रेड्डी, सौम्य रेड्डी, एन मुनीरत्न, एसटी सोमशेखर और विरथी बासवराज और के गोपालैय्या शामिल हैं. इसके बाद जेडीएस के तीन विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस नेतृत्व इन विधायकों को मनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ये मानने को तैयार नहीं है. इन विधायकों के इस्तीफे को स्पीकर ने स्वीकार नहीं किया है. 

कर्नाटक से बड़ी खबर आ रही है. गुरुवार 18 जुलाई को कुमारस्वामी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद विधानसभा में वोटिंग होगी. लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में ये फैसला लिया गया है. कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तारीख तय की गई है.

बीजेपी नेता सुरेश कुमार ने कहा है कि अब ये कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर निर्भर है कि वे विधानसभा में बहुमत साबित करें. सुरेश कुमार ने कहा कि सीएम ने खुद कहा था कि स्पीकर विश्वास मत परीक्षण के लिए समय निर्धारित करें. उन्होंने कहा कि अब सबसे पहले विश्वास मत परीक्षण होना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि हमारे 105 विधायक एक साथ हैं.
 

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