सीएम रघुवर बोले- वीआरएस की न सोचें डॉक्टर, मरीजों की सेवा पर दें ध्यान

रिम्स में रविवार को उद्घाटन-शिलान्यास के बीच मुख्यमंत्री रघुवर दास ने डॉक्टरों के साथ संवाद किया। डॉक्टरों के साथ संवाद में मुख्यमंत्री का पहला सवाल था- वीआरएस कौन-कौन ले रहा है? यह सुनते ही डॉ. संजय कुमार और डॉ. विद्यापति अपनी सीट पर खड़े हो गए। सीएम ने उन्हें बैठने के लिए आग्रह करते हुए कहा कि कोई रिम्स से वीआरएस नहीं लेगा, सरकार आप लोगों के साथ है। समस्याओं का समाधान भी शीघ्र होगा।
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दे रहे डॉक्टरों को रोकने में प्रबंधन की असफलता के बाद संवाद के क्रम में मुख्यमंत्री ने न सिर्फ डॉक्टरों को मना लिया बल्कि उनका भरोसा भी जीतते गए। एसीबी की जांच पर भी मुख्यमंत्री दो टूक बोले, कहा-जो रिम्स के समय में निजी प्रैक्टिस करेगा उसके खिलाफ ही एसीबी जांच होगी। ऑफिस टाइम में रिम्स में रहिए और गरीब मरीजों का इलाज करिए। डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं और इसे मैं पूरी तरह से मानता हूं
सीएम ने कहा कि एक महीने में तमाम छोटी-बड़ी समस्याओं का निदान करने की कोशिश सरकार करेगी। इसके पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे अपनी बातें रखें और कोई पुरानी बात नहीं रखेगा। रिम्स के शिक्षकों और डॉक्टरों ने एम्स जैसी सुविधा, एनपीए बकाया, आवासीय परिसरों के रखरखाव, वेतन विसंगति, डेंटल कॉलेज का उद्घाटन नहीं होने और रिम्स के बराबर वेतन नहीं मिलने, वर्षों से प्रोन्नति नहीं मिलने समेत कई मामले उठाए।
 
डॉक्टरों ने लगातार अपनी प्रतिष्ठा हनन की बात भी उठाई। कहा, हमें बदनाम किया जाता है लेकिन हम मरीजों की भलाई के लिए ही ब्रांडेड दवाइयां लिखते हैं। इस दौरान निदेशक चुप रहे। एक डॉक्टर ने यहां तक कहा कि अगर रिम्स में इलाज खराब होता है तो फिर इतनी संख्या में लोग कैसे आते हैं? तमाम बातें सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों से कहा कि पेपरवाले तो लिखते ही रहते हैं लेकिन आप मन को छोटा नहीं करें। रिम्स में मरीजों को छोड़कर जो डॉक्टर निजी क्लिनिक में होंगे, उनके खिलाफ ही एसीबी की कार्रवाई होगी।
बाकी आप क्या करते हैं, क्या नहीं उससे सरकार को कुछ लेना-देना नहीं है। इस पर डॉक्टरों की खूब तालियां बजाईं। इसके बाद उन्होंने भवन और जलापूर्ति से संबंधित समस्याओं के समाधान को लेकर तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए। कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, रिम्स निदेशक डॉ. डीके सिंह व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
 

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