राज्यपाल बोले, कश्मीरी पंडितों की जरूरत है अलग टाउनशिप

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए कश्मीर में अलग टाउनशिप उनकी मर्जी का मामला नहीं है। बल्कि यह समय की जरूरत है। इसके लिए कश्मीरी नेताओं को चाहिए कि वे पंडितों को सम्मानपूर्वक वापस बुलाएं। इसका सही रास्ता यह है कि जिन्होंने घरों पर कब्जे किए हैं। वही लोग उन्हें वापस बुलाकर उनका घर लौटाएं।
श्रीनगर में एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और हुर्रियत नेताओं का सहयोग जरूरी है। वे अपने लोगों (कश्मीरी लोगों) को समझाएं। मेरा काम पंडितों को एक वैकल्पिक व्यवस्था देना है जहां पर सुरक्षा हो, स्कूल हो और अन्य सुविधाएं हों। उन्होंने कहा कि पंडित इसी वादी में रहे हैं और बड़े हुए हैं। ऐसे में जिन लोगों ने कश्मीरी पंडितों के घर छीने हैं, वही उन्हें लौटा दें तो अच्छा कदम माना जाएगा। कश्मीर के नेताओं को एकता का संदेश देना है। क्या उनमें से ऐसा कोई करेगा। सत्यपाल ने कहा कि अलग टाउनशिप उनकी मर्जी का मामला नहीं है, बल्कि यह जरूरत है। हम उन्हें उनकी मर्जी की अच्छी जगह रहने के लिए देंगे। कश्मीर में ऐसी बहुत जगहें हैं जहां वह रहना चाहते हैं। ऐसे में उन्हें वह दी जाएगी।
अनुच्छेद 35-ए पर मलिक ने फिर दोहराया कि उनका मानना है कि जब राज्य में चुनी हुई सरकार आएगी। इस मुद्दे पर कोई फैसला लेगी। राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने पर उन्होंने कहा कि छह महीनों के दौरान कभी भी चुनाव हो सकते हैं
राज्यपाल ने कहा कि इस समय अमरनाथ यात्र के अलावा हज यात्र चल रही है। कश्मीर में शांति बनी है। गत दिनों अधिकारी जब आतंकी बुरहान वानी के गांव में पंचायत का काम करवाने के लिए गए तो लोगों ने स्वागत किया।
अमरनाथ यात्र के दौरान हाईवे व कुछ मार्ग बंद करने पर राज्यपाल ने कहा कि यह सब ट्रैफिक प्रबंधन के लिए किया है। अगर ऐसा न करें तो सड़कों पर जाम होंगे। स्थानीय लोगों से कहा जाता है कि यात्रियों को जाने दो, इसके बाद आप भी चले जाओ। अगर किसी को अस्पताल या फिर स्कूल में जाना होता है तो वे पहचान पत्र दिखाकर चले जाते हैं।

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