भाजपा नेता के 107 विधायकों के बयान पर बोले ममता के भतीजे अभिषेक- घर में नहीं नून, बेटा मिथुन

वरिष्ठ भाजपा नेता मुकुल राय ने शनिवार को दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और माकपा के 107 विधायक उनकी पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं. हेस्टिंग में भाजपा के नये दफ्तर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मुकुल राय ने एक सूची दिखायी और दावा किया कि यह उन विधायकों की सूची है जो भाजपा में शामिल होंगे. हालांकि भाजपा नेता ने यह सूची संवाददाताओं को देने या ऐसे विधायकों के नाम का खुलासा करने से इंकार कर दिया.

उन्होंने कहा कि अभी इनके नाम का खुलासा कर दिया गया तो इनके ऊपर दबाव बनाकर तृणमूल कांग्रेस इनको रोक लेगी इसलिए वह रणनीति के तहत वह अगस्त के शुरुआती हफ्ते में पहले दौर में 40 विधायकों को दिल्ली में भाजपा में शामिल कराएंगे. इसके बाद अगस्त के अंत तक बाकी सभी विधायकों को भाजपा का झंडा पकड़ायेंगे. इन लोगों को आता देख हो सकता है कि और भी विधायक भाजपा में शामिल होंगे.
राज्य सरकार पर बरसते हुए मुकुल राय ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से विफल हो गयी है. कट मनी का मामला खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वीकार कर रही हैं. इसके अलावा संगठन को बचाये रखने के लिए ममता बनर्जी को पार्टी संगठन से ज्यादा भरोसा पुलिस पर है. इसलिए ममता बनर्जी की पुलिस पूरी तरह से हिंसक हो चुकी है और आम लोगों पर गोली बरसाने में कोई परहेज नहीं कर रही है. भाजपा के कार्यकर्ता उनकी इस हरकत का गणतांत्रिक तरीके से मुकाबला कर रहे हैं. आने वाले दिनों में लोग इस सरकार से निजात पाने के लिए बड़ी संख्या में भाजपा में शामिल होंगे.
अभिषेक बनर्जी का वार
107 तृणमूल विधायकों के मुकुल राय के साथ संपर्क रखने के दावे पर ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जो अपने मोहल्ले के पार्षदों को नहीं रोक पा रहा है, वह विधायकों को क्या संभालेंगे? उन्होंने कहा कि कहते हैं कि घर में नहीं नून (नमक), बेटा है मिथुन.' उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं का स्वभाव ही होता है झूठ बोलकर दिल्ली में अपना नंबर बढ़ाना. अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि जो भी भाजपा में गये थे, वे अपनी इच्छा से नहीं गये थे. उन्हें धमकी देकर, डराकर ले जाया गया था. जब उन्हें ले जाया गया था, तब राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू थी. लगातार हिंसा फैलाकर तृणमूल नेताओं को भाजपा में शामिल होने के लिए बाध्य कराया गया था. ये सभी नेता वापस आना चाहते थे, इसलिए उन्हें वापस पार्टी में लिया गया है.

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