कमलनाथ सरकार ने पुलिस के 46 खोजी कुत्तों का तबादला किया, कई कुत्तों की CM हाउस में पोस्टिंग

ताबड़तोड़ तबादले करके विवादों में फंसी मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने पुलिस के 46 खोजी कुत्तों का भी तबादला किया है. तबादलों को लेकर विपक्षी दल बीजेपी ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी ने कहा है कि कमलनाथ सरकार का तबादले के अलावा प्रदेश के हित के किसी भी अन्य विषय पर ‘फोकस’ नहीं है. एमपी पुलिस की 23 बटालियन के कमांडेंट की तरफ से जारी एक आदेश में पुलिस के 46 कुत्ते और उनके हैंडलर्स का तबादला किया गया है.
इस आदेश में छिंदवाड़ा से मुख्यमंत्री कमलनाथ के घर पर तैनात "डफी" नामक खोजी कुत्ते का तबादला भी किया गया है. इसके अलावा रेणु और सिकंदर नाम के दो अन्य कुत्तों की भी सतना और होशंगाबाद से भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास में पोस्टिंग की गई है.
कमलनाथ सरकार पर हमलावर है बीजेपी
कुत्तों के तबादलों पर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘अधिकारियों से अपेक्षाओं की पूर्ति न होना, तबादलों का ये आधार समझ में आता है. पर बेज़ुबानों से कौन सी अपेक्षाओं की पूर्ति होनी थी, जो ‘डॉग्स’ व ‘डॉग्स स्क्वाड’ का भी पांच-पांच सौ किमी दूर तबादला कर दिया. मप्र सरकार का तबादले के अलावा प्रदेश के हित के किसी भी अन्य विषय पर ‘फोकस’ नहीं है.’’
वहीं, प्रदेश बीजेपी उपाध्याक्ष विजेश लुनावत ने इस पर ट्वीट किया,‘‘वाह री कमलनाथ सरकार तबादला उद्योग में कुत्तों को भी नही छोड़ा. मध्यप्रदेश में डॉग स्क्वाड के ट्रांसफर.’’ बीजेपी विधायक और प्रदेश बीजेपी के उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘कांग्रेस चमत्कारिक दल है, ज़मीन आसमान का भी ट्रान्सफ़र कराने का दम रखती है.’’
तथ्यहीन विषयों को मुद्दा बनाकर राजनीति करना बंद करे बीजेपी- कांग्रेस
इस मामले पर प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘मध्यप्रदेश में सत्ता जाने के बाद बीजेपी में इनती निराशा व्याप्त है कि वह पुलिस के डॉग्स पर भी राजनीति करने पर आमादा हैं. पुलिस विभाग में जो डॉग्स के हैडलर्स होते हैं, उनका तबादला होता है और वे डॉग (कुत्ते) के साथ जीवन पर्यन्त रहते हैं. अपराध के अनुसंधान में जब डॉग का उपयोग किया जाता है तो हैंडलर्स जो डॉग के साथ रहता है वह उसकी भाषा एवं संकेतों को समझा पाता है और एक ही हैंडलर एक डॉग के साथ धुला मिला रहता है. बीजेपी से अपेक्षा है कि वह रचनात्मक प्रतिपक्ष की भूमिका निभाये. निराशा में तथ्यहीन विषयों को मुद्दा बनाकर राजनीति करना बंद करे.’’

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