आप को नहीं मिला जिला और यूथ प्रधान, लिप के लिए बैंस को ईमानदार की तलाश

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद विरोधी दल की पार्टियों को नेता नहीं मिल पा रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की तरफ से कई दलों में सेंधमारी की गई थी और कई नेता कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उसके बाद से विपक्षी दलों में खाली पद भरने को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें नेता ही नहीं मिल रहे हैं। 
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के जिला प्रधान दलजीत सिंह भोला और आप के जिला यूथ प्रधान को शामिल कर लिया था। उसके बाद से आम आदमी पार्टी को कोई भी जिला प्रधान और यूथ प्रधान मिल नहीं पाया है। इसी प्रकार लोक इंसाफ पार्टी के भी कई नेता शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस में चले गए थे। उसके बाद से लोक इंसाफ पार्टी के संयोजक एवं विधायक सिमरजीत सिंह बैंस भी कई विधानसभा हलकों में मेहनती और ईमानदार नेता तलाशने में जुटे हुए हैं।
शिरोमणि अकाली दल ने लोकसभा चुनाव के बाद से चुप्पी साध ली है। शिअद जिला प्रधान रणजीत सिंह ढिल्लों ने नगर निगम के बाहर प्रदर्शन किया है, लेकिन अन्य सीनियर नेता कोई भी गतिविधि नहीं कर रहे। इसके अलावा शिअद की तरफ से जमीनी स्तर पर भी कोई काम नहीं किया जा रहा ताकि पार्टी को आने वाले समय में मजबूती मिल सके। वहीं, शिअद की सहयोगी भाजपा की तरफ से सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। इलाकों में जाकर सदस्य बनाए जा रहे हैं। जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत किया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव से पहले विरोधियों ने विकास को लेकर सत्ताधारी पार्टी को जमकर घेरा था। इस दौरान जिन जगहों पर विकास नहीं हुए थे, उन जगहों पर जाकर विरोधी दल के नेता काम शुरू करवाने को लेकर मांग करते थे। पर कांग्रेस के उम्मीदवार सांसद रवनीत सिंह बिट्टू की जीत के बाद विरोधी दल के नेताओं ने अब जनहित के मुद्दों पर आवाज उठाने की बजाय मौन ही धारन कर लिया है।
लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद कांग्रेसी नेताओं ने विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेसी नेता विरोधी दल में सेंधमारी करते हुए पार्टी में शामिल करवाने की बात कर रहे हैं। उनको पार्टी में अहम पद देने का आश्वासन दिया जा रहा है ताकि अभी से पार्टी को और मजबूत किया जा सके। इसके लिए कांग्रेस विधायकों ने अलग-अलग टीमें बनाई हुई हैं।

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