BJP पर भारी पड़ेगा कुमारस्वामी का यह दांव?

कर्नाटक में गठबंधन के कई विधायकों के इस्तीफे के बाद जारी सियासी घमासान में सीएम ने विश्वासमत का फैसला लेकर सभी को चौंका दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बागी विधायकों के इस्तीफों पर मंगलवार तक यथा-स्थिति बनाए रखने के फैसले के ठीक 10 मिनट बाद आए सीएम के इस बयान के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि सीएम कुमारस्वामी का अचानक इतना आत्मविश्वास बेवजह नहीं है। बीजेपी को खतरा है कि कहीं कुमारस्वामी का यह दांव उन पर भारी न पड़ जाए। 
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शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा में सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि राज्य में भ्रम की स्थिति पैदा होने के बाद उनके लिए बेहतर होगा कि वे बहुमत साबित करने के बाद आगे बढ़ें। सीएम ने स्पीकर केआर रमेश कुमार से कहा, 'मैं विश्वास मत के लिए तैयार हूं। आप दिन और समय तय करें।' हालांकि अभी तक विश्वास मत के लिए कोई तारीख तय नहीं है। 
सीएम के इस आत्मविश्वास ने न सिर्फ विपक्षी बीजेपी को चौंका दिया है, बल्कि बीजेपी के उन आरोपों पर भी कटाक्ष किया है, जिसमें उन पर बहुमत न होने के बाद भी सत्ता में बने रहने का आरोप लगाया जा रहा है। सीएम एचडी कुमारस्वामी के बेहद करीबी विधायक ने बताया, 'विपक्षी दल के विधायक सरकार बनाने को लेकर बहुत ज्यादा एकमत नहीं हैं। यदि बीजेपी कुमारस्वामी सरकार को विश्वासमत में हराने को लेकर कॉन्फिडेंट होती तो उन्होंने कब का अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया होता। बीजेपी का बैकफुट पर रहना यह साफ दिखाता है कि वह सिर्फ भ्रम की स्थिति का फायदा उठा रही है।' 

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