केजरीवाल सरकार का PWD कर्मियों के लिए नया फरमान- मीडिया से बात न करें

दिल्‍ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (पीड्ब्ल्यूडी) अधिकारियों के लिए नया फरमान जारी किया है. इसमें सभी अधिकारियों को सख्‍त हिदायत दी गई है कि वे मीडिया से बात न करें. इसके साथ ही फेसबुक, वॉट्सएप, ट्विटर आदि सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्‍स पर भी किसी प्रकार की जानकारी न देने के आदेश दिए गए हैं.
पारदर्शिता के मुद्दे पर आंदोलन करने वाले अरविंद केजरीवाल अब उसी से परहेज करने लगे हैं. सरकार चलाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को साढे 4 साल से अब ज्यादा का वक्त हो चला है. इस दौरान कई ऐसे फैसले हुए हैं जो कि उनकी आंदोलन की विचारधारा से ठीक उलट साबित हुए हैं.

अरविंद केजरीवाल का ताजा फरमान पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देने का है. अधिकारियों को एक ऑर्डर के जरिए मीडिया से दूरी बनाए रखने के आदेश जारी हुए हैं. आदेश में साफ तौर पर यह चेतावनी दी गई है कि सर्विस रूल के मुताबिक अगर किसी अधिकारी ने मीडिया से कोई जानकारी सांझा की तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
केजरीवाल सरकार का ताजा फरमान विपक्ष के भी निशाने पर आ गया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता हरीश खुराना के मुताबिक क्योंकि उनकी ओर से स्कूलों में कमरे बनाने के निर्माण में भ्रष्टाचार उजागर हुआ था. लिहाजा केजरीवाल सरकार डर गई है.
हाल ही में बीजेपी ने स्कूल में कमरे बनाने के काम में दो हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. आरोपों से तिलमिलाई केजरीवाल सरकार में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मानहानि का केस करने की भी चेतवानी बीजेपी नेताओं को दी थी.
सरकार हमारी पारदर्शी..
हालांकि, आम आदमी पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज अपने बचाव में कहा, 'बेशक बीजेपी हम पर आरोप लगाए, लेकिन मोदी जी के मंत्रिमंडल में से कोई भी मंत्री क्यों नहीं बोलता है, पहले बीजेपी इसका जवाब दें. सरकार के फैसले पर बोलते हुए प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कुछ अधिकारियों के लिए हिदायत है, बाकी हमारी सरकार पारदर्शी है.
बता दें कि दिल्ली में अगले कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में सरकार का कोई भी आदेश राजनीति का मुद्दा जरूर बनेगा, लेकिन ऐसे नाजुक मौके पर भी जब लोकसभा चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी तीसरे पायदान पर खिसक चुकी है, ऐसे में इस तरह के पाबंदी लगाने वाले आदेश घातक साबित हो सकते हैं.

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