दो अफसरों को निलंबित करने के दिए थे आदेश, डीसी ने नहीं की तत्काल कार्रवाई, अनिल विज खफा

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अफसरशाही के ढुलमुल रवैये को लेकर मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की है। साथ ही पानीपत जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में मंत्री के आदेश पर अमल न करने की जांच की मांग उठाई है। विज ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जल्दी से जल्दी जांच कर दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और उन्हें अवगत कराने के लिए कहा है। 
मामला बीते 28 जून को पानीपत जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक से जुड़ा हुआ है। विज ने समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए हुडा के एसडीओ देवेंद्र मलिक और जेई कर्मवीर को शिकायत के आधार पर निलंबित करने के आदेश दिए थे। दोनों पर आरोप था कि इन्होंने शिकायतकर्ता का घर बिना नोटिस दिए बुल्डोजर से गिरवा दिया था। 

जांच में भी यही पाया गया कि एसडीओ और जेई ने गलत कार्रवाई की है। इसलिए दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश उन्होंने बैठक में दिए थे। उन्हें अब ज्ञात हुआ है कि एसडीओ और जेई को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया है। विज का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ, चूंकि उच्च अधिकारियों ने समय पर दोनों को निलंबित करने की कार्रवाई नहीं की।

इस संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय पहले भी हिदायतें जारी कर चुका है कि मंत्रियों की ओर से जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में जो भी आदेश दिए जाएंगे, संबंधित डीसी उन पर उसी दिन कार्रवाई करेंगे। विज के अनुसार अगर उसी दिन एसडीओ और जेई को निलंबित कर दिया होता तो हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती।

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