सांसद प्रवेश वर्मा ने सर्वे कर एलजी को सौंपी सूची, 'सरकारी भूमि पर 54 मस्जिद और कब्रिस्तान

 
लोकसभा चुनाव में दिल्ली में सर्वाधिक मतों से जीतने के बाद पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा मस्जिद और कब्रिस्तान को लेकर सुर्खियों में आए थे। एक बार फिर सांसद वर्मा पर सियासत गरम होती नजर आ रही है। प्रवेश वर्मा के अनुसार, उन्होंने कुछ दिनों में एक सर्वे के जरिये करीब 54 ऐसी जगह का पता लगाया है, जहां सरकारी भूमि पर मस्जिद और कब्रिस्तान हैं। इन जगहों पर आम जनता के लिए पार्क और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं दी जा सकती हैं। 

बृहस्पतिवार को सांसद वर्मा ने इन जगहों की सूची के साथ उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की और जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि एलजी ने सूची पर संबंधित विभागीय अफसरों से जवाब-तलब भी किया है। सरकारी भूमि पर मस्जिदों के बढ़ते निर्माण की जांच होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने एलजी से एक कमेटी गठित करने की मांग की। सांसद ने कहा है कि इस कमेटी में निगम, लोकनिर्माण विभाग, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद, पुलिस, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए। मांग की है कि इस मामले की जांच संबंधित इलाकों के जिला कलेक्टर से करानी चाहिए।

उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि जब भी चुनावी मौसम आता है तुरंत राजधानी में मस्जिदों और कब्रिस्तान के निर्माण का काम शुरू हो जाता है। उन्हें मस्जिद या कब्रिस्तान के निर्माण से कोई आपत्ति नहीं हैं। आपत्ति उन जगहों के लिए है जो सरकारी जमीनों पर निर्माण किए जा रहे हैं।

उधर, सांसद की इस शिकायत पर मुस्लिम संगठनों की ओर से सवाल खड़े किए जा रहे हैं। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने सांसद के दावों की जांच करने के लिए एक समिति भी बनाई है, जो इन जगहों पर जाकर दावों की जांच करेगी। सामाजिक कार्यकर्ता औवेस सुल्तान खान की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति जांच कर रही है। खान का कहना है कि समिति ने सभी जगहों का मुआयना करना शुरू कर दिया है। अगले सप्ताह के अंत तक रिपोर्ट तैयार होने की संभावना है। उसके बाद ही इन आरोपों की सत्यता सामने आएगी।

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