सीटिंग सीट संबंधित दल के खाते में, गेटिंग सीट पर सुलझायेंगे विवाद

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद भारी दबाव में दिख रहे विपक्षी दल के नेताओं ने बुधवार को झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक की। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि विपक्षी दलों के पास की 32 सीटिंग सीटें संबंधित दलों के खाते में जायेगी। गेटिंग सीटों (दूसरे नंबर पर रहे दल) के अलावा अन्य 11 सीटों पर किस दल का दावा होगा, इस विवाद को बाद में सुलझाया जायेगा।
हेमंत सोरेन ने कहा कि एक सप्ताह में फिर बैठक होगी, उसमें यह तय कर लिया जायेगा कि कौन-कौन दल किस-किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। सीपीआई, सीपीएम और माले के बैठक में नहीं आने के सवाल पर हेमंत ने कहा कि 16-17 जुलाई को उनकी बैठक है। उसके बाद वे तय करेंगे। वैसे विपक्ष चाहता है कि वे गठबंधन में शामिल हों। बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की जगह विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की जगह प्रवक्ता सरोज सिंह, राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह, मासस विधायक अरूप चटर्जी, फॉरवर्ड ब्लॉक के रामेश्वर कुशवाहा शामिल हुए।
कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने स्पष्ट किया कि सीटिंग सीटें, संबंधित दलों के खाते में जायेंगी। शेष सीटों पर बैठ कर बंटवारा कर लिया जायेगा। पहले से तय फार्मूले के तहत ही सीटों का बंटवारा कर लिया जायेगा। अगर किसी सीट पर दो दल दावा करते हैं तो सर्वेक्षण के माध्यम से पता किया जायेगा कि किसकी दावेदारी ज्यादा मजबूत है।
झाविमो के प्रवक्ता सरोज सिंह ने कहा कि साथ रह कर चुनाव लड़ने पर कोई विवाद नहीं है। सीटिंग और गेटिंग सीटें, संबंधित दलों के खाते में जायेंगी। शेष जो 11 सीटें बचती हैं, उसे गठबंधन के बीच अपसी सहमति से बांटा जायेगा।
प्रदेश राजद अध्यक्ष अभय कुमार सिंह ने कहा कि सीटिंग सीटें संबंधित दल के खाते में जायेंगी। दूसरे नंबर रहे दल के खाते में जायेंगी संबंधित सीटें। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि चतरा में जेवीएम के नेता राजद में शामिल हुए हैं, इसलिए वहां भी राजद की मजबूत दावेदारी बनती है। नेतृत्व का मुद्दा लोकसभा चुनाव से पहले ही तय हो चुका है कि झामुमो के नेतृत्व में महागठबंधन चुनाव लड़ेगा।

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