मैजिक नंबर से पिछड़े कुमारस्वामी, ये 6 विकल्‍प

कर्नाटक की एचडी कुमारस्वामी सरकार पर आया संकट और गहरा गया है। अपने बागी विधायकों को मनाने में जुटी कांग्रेस को बुधवार को एक और झटका लगा। राज्य सरकार में दो बड़े मंत्रियों एम टी बी नागराज और के. सुधाकर ने अपनी विधानसभा सदस्यता और पद से त्यागपत्र दे दिया। इससे कांग्रेस-जेडीएस सरकार के असंतुष्‍ट विधायकों की संख्‍या 16 हो गई है जबकि विधानसभा में उनकी संख्‍या 118 से घटकर अब 100 पहुंच गई है। राज्‍य में सरकार बचाए रखने के लिए जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को 105 के जादुई आंकड़े की जरूरत है। 
इस बीच कांग्रेस के बागी विधायक एसटी सोमशेखर मुंबई से लौटकर बेंगलुरु आ गए हैं। उन्होंने कहा है कि उन्होंने इस्तीफा भले ही दे दिया हो लेकिन वह अभी भी कांग्रेस में ही हैं। एसटी सोमशेखर बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) के चेयरमैन भी हैं। गुरुवार को होने वाली बीडीए की बैठक में हिस्सा लेने के लिए वह यहां पहुंचे हैं। बेंगलुरु पहुंचने के बाद सोमशेखर ने कहा, 'मैं यहीं रहूंगा, मैं वापस मुंबई नहीं जा रहा हूं। मैं विधायक पद से इस्तीफा दिया है लेकिन अभी भी कांग्रेस में हूं।' 
मंगलवार को जिन 10 विधायकों ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा मांगी थी, उसमें एसटी सोमशेखर भी शामिल थे। मंगलवार को कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार इन विधायकों से मिलने मुंबई पहुंचे। हालांकि, उनके आने से पहले ही विधायकों की अपील पर मुंबई पुलिस ने होटेल के बाहर किलेबंदी कर रखी थी। डी के शिवकुमार विधायकों से नहीं मिल पाए और उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया था। बाद में डीके शिवकुमार को छोड़ दिया गया और उन्हें जबरन बेंगलुरु भेज दिया गया। 
कांग्रेस को अपनी जन्मस्थली मुंबई में ही संकट का सामना क्यों करना पड़ रहा है?
कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों का इस्‍तीफा 
कर्नाटक विधानसभा का सत्र 5 दिन बाद शुरू होने वाला है। 224 सदस्‍यीय राज्‍य विधानसभा में कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने इस्‍तीफा दे दिया है। इसके अलावा दो निर्दलीय विधायकों ने कुमारस्‍वामी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। अगर सभी 16 विधायकों के इस्‍तीफे को स्‍पीकर स्‍वीकार कर लेते हैं तो विधानसभा की संख्‍या घटकर 208 पहुंच जाएगी। 
ऐसी स्थिति में राज्‍य में सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 113 से घटकर 105 पहुंच जाएगा। राज्‍य विधानसभा में बीजेपी के 105 विधायक हैं। बीजेपी अकेले सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। उधर, बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि उनके इस्‍तीफे को स्‍वीकार करने के लिए विधानसभा अध्‍यक्ष को निर्देश दिया जाए। साथ ही अयोग्‍य घोषित करने की धमकी को बंद किया जाए।
विधानसभा अध्‍यक्ष के कदम पर कांग्रेस-जेडीएस निर्भर 
इस बीच बीजेपी के प्रदर्शन के बाद 11 से 14 जुलाई तक राज्‍य विधानसभा में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके तहत विधानसभा में चार से अधिक लोग एक साथ इकट्ठे नहीं हो सकते हैं। उधर, कांग्रेस पार्टी कांग्रेस जेडीएस के नेताओं को भरोसा है कि यदि दलबदल निरोधक कानून के इस्‍तेमाल और स्‍पीकर के इस्‍तीफों को स्‍वीकार करने में देरी से इस संकट को टाला जा सकता है। दलबदल निरोधक कानून के तहत मुंबई के एक होटेल में टिके विधायकों को अगले छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। 
कर्नाटक संकट में अब आगे क्‍या 
1. -कर्नाटक संकट के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट विधानसभा अध्‍यक्ष को या तो डेडलाइन के साथ इस्‍तीफों को स्‍वीकार करने का निर्देश दे सकता है या शर्तों के साथ बहुमत साबित करने के लिए कह सकता है। 

2. -कर्नाटक विधानसभा के अध्‍यक्ष केआर रमेश कुमार कुछ विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आधार पर अयोग्‍य घोषित कर सकते हैं। 

3. -मुख्‍यमंत्री एचडी कुमारस्‍वामी विश्‍वासमत हासिल करने के लिए जा सकते हैं। इससे बागी विधायकों को पार्टी की लाइन पर जाना होगा या नैतिक आधार पर इस्‍तीफा देना होगा। 

4. -विधानसभा अध्‍यक्ष रमेश कुमार बागी विधायकों को अपने समक्ष पेश होने और इस्‍तीफे के बारे में बताने के लिए कह सकते हैं। इससे जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को और ज्‍यादा समय मिल जाएगा। 

5. -विधायक तब तक इंतजार कर सकते हैं, जब तक कि राज्‍यपाल एचडी कुमारस्‍वामी को विश्‍वास मत हासिल करने के लिए नहीं कहते। विधायक अगर क्रॉस वोटिंग करते हैं तो सरकार गिर जाएगी और विधानसभा अध्‍यक्ष को भी बदला जा सकता है। 
6. जेडीएस कांग्रेस को दे सकती है बाहर से समर्थन 
सियासी तूफान में घिरी जेडीएस गठबंधन सरकार को बचाने और बीजेपी को सत्‍ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस को बाहर से समर्थन देने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक जेडीएस इस विकल्‍प पर विचार कर रही है कि सीएम एचडी कुमारस्‍वामी इस्‍तीफा दें और कांग्रेस को नया मुख्‍यमंत्री चुनने की शर्त पर बाहर से समर्थन दिया जाए। इससे कांग्रेस को बागी विधायकों को कैबिनेट में शामिल करने का मौका मिल जाएगा और पार्टी बच जाएगी। कुमारस्‍वामी गुरुवार को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में इस विकल्‍प पर चर्चा कर सकते हैं। 

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