नगर पालिकाओं-नगर परिषदों के अध्यक्ष भी अब जनता सीधे चुनेगी

हरियाणा में नगर निगम के मेयर के बाद अब प्रदेश में नगरपरिषद और नगरपालिका के अध्यक्ष के चुनाव भी जनता सीधे चुनेगी। हालांकि, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के डिप्टी चेयरमैन या उपाध्यक्ष का फैसला चुने हुए पार्षद ही करेंगे।
वहीं, जिला परिषदों, नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं में विधानसभा की तर्ज पर सत्र चलेंगे। हर 3 माह बाद सत्र का आयोजन किया जाएगा। मंगलवार देर रात सीएम मनोहर लाल के चंडीगढ़ आवास पर कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक में यह निर्णय लिया गया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने बताया कि सरकार के इन निर्णयों को कैबिनेट में पास किया जाएगा और पंचायती राज व निकायों के कानून में बदलाव होगा। 
जिला परिषद, नगर निगम, नगर पालिका व नगर परिषद में विधानसभा के सत्र की तर्ज पर सत्र चलाए जाएंगे। हर तीन माह के बाद 3 दिन के लिए सत्र का आयोजन होगा। परिषद व निकायों के सत्रों में मेयर, चेयरमैन और अध्यक्ष सदन के नेता के तौर पर काम करेंगे। वहीं, विपक्षी दलों के पार्षद अपने लिए विपक्ष के नेता का चुनाव कर सकेंगे।
सीनियर पार्षदों में से ही किसी को स्पीकर चुना जाएगा। अभी तक साल में एक बार हाउस की बैठक बुलाकर घंटेभर में ही बजट पास किए जाने की परंपरा है। अब पार्षद भी बजट आदि को लेकर न केवल अपनी राय दे सकेंगे, बल्कि डेवलपमेंट के मुद्दों पर होने वाली बहस में भाग ले सकेंगे।

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