बजट के बाद गहलोत ने कहा... ऐसे अफसरों को कंपल्सरी रिटायरमेंट दे दूं

राजस्थान की कांग्रेस सरकार का पहला बजट पेश करने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा के प्रेस रूम में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. गहलोत ने कहा कि यह हमारा पहला बजट है, हमने जन घोषणा पत्र के वादों को बजट में शामिल करने की कोशिश की है. संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन देने की कोशिश करेंगे, बजट में भी इसकी झलक है. सरकार जवाबदेही कानून लेकर आएगी.

सीएम गहलोत ने इस अवसर पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हम जवाबदेही कानून लाए थे, लेकिन भाजपा राज में इस कानून पर ध्यान नहीं दिया गया. महिलाओं, युवाओं और किसानों को बजट में प्राथमिकता दी है, स्वंयसेवी संस्थाओं को लैंड यूज चेंज मुफ्त होगा, बजरी ने ईमानदार को भी बेईमान बना दिया, हिंसा और अशांति का माहौल देश में बना है, इसके लिए शांति और अहिंसा का प्रकोष्ठ बनाने का फैसला किया है.

सीएम गहलोत ने कहा कि बजट केवल कागजों का पुलिंदा ही नहीं है, इसे लागू किया जाएगा. जो अफसर क्रियान्वित करेगा वही अफसर प्यारा होगा, जो नहीं करेगा उसका क्या होगा वह सब जानते हैं. राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी है. एक दो को छोड़ दीजिए. मेरा बस चले तो ऐसे अफसरों को कंपल्सरी रिटायरमेंट दे दूं.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि मेरी तरफ से डीजीपी को फ्री हैंड है, किसी जनप्रतिनिधि की नाजायज सिफारिश मानने की जरूरत नहीं है. लेकिन अगर जनप्रतिनिधि ने न्याय के लिए सिफारिश की है तो मानिए. उन्होंने यह भी कहा कि चिट फंड की धोखाधड़ी को सख्ती से निपटा जाएगा.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हर गांव ढाणी से आवाज आ रही थी कि अशोक गहलोत को सीएम बनना चाहिए, गांव ढाणी से यह भावना आ रही थी, उसी भावना के चलते कांग्रेस अध्यक्ष ने मुझे सीएम बनाया. जनता की यह भावना थी और मुझे सीएम बनाया है तो काम भी उस तरह किए जाएंगे

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