मोदी 2.0 में बढ़ेंगे करदाता, 1.3 करोड़ नए रिटर्न हासिल करने का लक्ष्य

मोदीराज में करदाताओं का दायरा बढ़ाने की तैयारी चल रही है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्त वर्ष 2019-20 में 1.3 करोड़ नए रिटर्न फाइल कराने का लक्ष्य बनाया है. यह लक्ष्य सीबीडीटी के साल 2019-20 की एक्शन प्लान का हिस्सा है.
इस कार्ययोजना में कहा गया है कि टैक्स बेस को बढ़ाना सीबीडीटी के प्रमुख लक्ष्यों में से है. एक्शन प्लान में कहा गया है, 'वित्त वर्ष 2018-19 में टैक्स बेस को बढ़ाने और रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या बढ़ाने के लिए कई पहल किए गए जिसका अच्छा नतीजा भी सामने आया है. वर्ष 2018-19 में करीब 1.10 करोड़ नए फाइल करने वाले जोड़े गए हैं.'
वर्ष 2018-19 में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या करीब 6.5 करोड़ रही, जबकि इसके पिछले साल में यह संख्या सिर्फ 5.43 करोड़ थी. इस तरह 1.1 करोड़ नए लोगों ने रिटर्न फाइल किया. साल 2017-18 में 97 लाख नए लोगों ने रिटर्न फाइल किया था.
सीबीडीटी के इस एक्शन प्लान में टैक्स बेस बढ़ाने के अलावा मुकदमों को कम करने, अनुपालन और प्रवर्तन सुधारने पर भी जोर दिया गया है. अशोक माहेश्वरी ऐंड एसोसिएट्स एलएलपी के पार्टनर अमित माहेश्वरी कहते हैं, 'कर प्रशासकों की रणनीति यह है कि कर चोरी करने वालों या कम अनुपालन करने वाले की पहचान की जाए. आगे चलकर ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.
सीबीडीटी के अनुसार 1 अप्रैल 2019 तक 12.78 लाख करोड़ रुपये का टैक्स बकाया था, जबकि 1 अप्रैल 2018 तक सिर्फ 11.20 लाख करोड़ रुपये का टैक्स बकाया था. ये ऐसा एरियर डिमांड होता है, जिसकी विभाग मांग करता है और टैक्सपेयर्स ने किसी वजह से नहीं चुकाया होता है.  विभाग को उम्मीद है कि इस एरियर में से कम से कम 84,000 करोड़ रुपये की नकदी हासिल हो जाएगी.
टैक्स मामले में बढ़ रही मुकदमेबाजी को भी कम करने के लिए आयकर विभाग 2 लाख रुपये से कम के मामलों को तेजी से खत्म करने पर जोर दे रहा है. टैक्स विवाद के करीब 1.94 लाख मामले 10 लाख रुपये से कम के हैं.
इसके पहले खबर आई थी कि प्रवासी भारतीय (NRI) बनकर टैक्स चोरी करने वालों की अब आयकर विभाग नकेल कसने जा रहा है. कई एनआरआई को इस बारे में नोटिस भी मिल चुकी है. असल में कई भारतीय 'नॉन-रेजिडेंट इंडियन' बनकर टैक्स बचा रहे हैं.
बीते दिनों आम बजट पेश करते हुए वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने वाले लोगों को बड़ी राहत दी. दरअसल, बजट में व्यवस्था की गई है कि अगर पैन नहीं है तो लोग आधार के जरिए भी रिटर्न भर सकते हैं. सरकार के इस फैसले से उन करोड़ों लोगों को राहत मिली है जिनके पास पैन कार्ड नहीं है.

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