तो क्या इस संस्था का पद भी जाएगा कांग्रेस के हाथ से?

जालियांवाला बाग ट्रस्ट के ट्रस्टियों की सूची से जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष बाहर हो सकते हैं. केंद्र सरकार ने सोमवार को जालियांवाला बाग ट्रस्ट राष्ट्रीय स्मारक संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया. अब तक के नियम के मुताबिक जो भी कांग्रेस अध्यक्ष होता है, वो अपने-आप इस ट्रस्ट के ट्रस्टियों में शुमार हो जाता है. लेकिन सरकार अब इस नियम में बदलाव करना चाहती है. सरकार का कहना है कि पिछले चालीस-पचास सालों में कांग्रेस पार्टी ने इस राष्ट्रीय स्मारक के लिए कुछ नहीं किया. इस साल जालियांवाला बाग गोलीकांड के सौ साल पूरे हो रहे हैं.

सोमवार को केंद्र सरकार ने लोकसभा में जालियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक (संशोधन) विधेयक पेश किया. सरकार चाहती है कि जो भी कांग्रेस अध्यक्ष हो, उसके स्वत: ट्रस्टी बनने के नियम को बदला जाए. इस ट्रस्ट के ट्रस्टियों में चैयरमेन के रूप में प्रधानमंत्री होते हैं. उनके अलावा संस्कृति मंत्रालय के मंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता, पंजाब के राज्यपाल, पंजाब के मुख्यमंत्री के अलावा जो भी कांग्रेस अध्यक्ष हो, वो सभी सदस्य रहते हैं. साथ ही तीन लोगों को ट्रस्टी के रूप में केंद्र सरकार नामांकित करती है. यदि ये बिल पास हो जाता है तो कांग्रेस अध्यक्ष अपने आप इस ट्रस्ट के ट्रस्टी नहीं हो सकेंगे.
 

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