कर्नाटक का असर फिलहाल मध्य प्रदेश में नहीं क्‍योंकि यहां कोई येदियुरप्पा नहीं

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार भले ही अपने बहुमत के आंकड़े से दो नंबर दूर है, लेकिन यहां कनार्टक जैसे हालात फिलहाल नहीं हैं. इसकी वजह है अपने खास पॉलिटिकल मैनेजमेंट के लिए पहचाने जाने वाले मुख्यमंत्री कमनलनाथ, जिन्होंने समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों और सपा-बसपा को साध लिया है. दूसरा, यहां कर्नाटक की तरह भाजपा में कोई येदियुरप्पा नहीं है.
निसंदेह सरकार यहां अलर्ट पर है, लेकिन खतरे में नहीं. मसला अब विधानसभा के मानसून सत्र पर आकर टिक गया है. जहां प्रदेश का बजट पेश होना है. इसमें हालात पेचिदा हो सकते हैं. इसलिए कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाले सभी विधायकों को अलर्ट किया गया है. सदन में पूरे वक्त मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं. किसी भी मुद्दे पर वोटिंग के हालात बन सकते हैं. इसलिए सरकार चौकन्नी है. किसी भी विधायक अनुपस्थिति कांग्रेस सरकार को भारी पड़ सकती है.
 

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