दिल्ली Vs केंद्र: दिल्ली में मेट्रो फेज IV पर फैसला देगा सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के वित्तीय पहलुओं को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच गतिरोध पर अब सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में आदेश जारी करेगा क्योंकि परियोजना इंतजार नहीं कर सकती. जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की एक बेंच ने कहा कि परियोजना महत्वपूर्ण है और लंबित मुद्दे को जल्द हल किया जाना चाहिए.
वहीं, एमिक्स क्यूरी अपराजिता सिंह ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) की एक हालिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली मेट्रो की 103.94 किलोमीटर चरण IV की 2014 के बाद मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को प्रस्तुत किया गया था.
मेट्रो चरण-4 के लिए वित्तीय जिम्मेदारी को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच रस्साकसी होने की वजह से परियोजना ठप हो गई जिससे वायु प्रदूषण पर असर पड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से शुक्रवार तक मेट्रो के लिए वित्तीय बोझ के बंटवारे के संबंध में पिछले तरीके का विवरण देने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को दिल्ली में मेट्रो चरण 4 के लिए वित्तीय बंटवारे पर आदेश जारी करेगा. पीठ ने कहा है कि मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन प्रदूषण प्रबंधन के बहुत महत्वपूर्ण पहलू हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली में मेट्रो के चौथे फेज के तहत 6 नई लाइन बिछाई जाएंगी जिसकी लंबाई 103 किलोमीटर होगी. दिल्ली मेट्रो का फेज चार पूरा होने के बाद दिल्ली मेट्रो लंबाई के मामले में विश्व के टॉप तीन शहरों में शामिल हो जाएगी. मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो 350 किलोमीटर की दूरी तय करती है, फेज-4 के पूरा होने के बाद यह दूरी 450 किलोमीटर से अधिक हो जाएगी. इसके बाद बीजिंग (599) और शंघाई (644) ही दिल्ली मेट्रो से आगे होंगे.
दिल्ली मेट्रो के चौथे फेज के तहत बनाई जाएंगी 6 लाइनें -
1) मुंकुदपुर-बुराड़ी-मौजपुर कॉरिडोर, 12.54 किलोमीटर
2) आरके आश्रम से जनकपुरी वेस्ट,  28.92 किलोमीटर
3) इंद्रलोक-दिल्लीगेट-इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर, 12.58 किलोमीटर
4) लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक,  7.96  किलोमीटर
5) एरोसिटी-साकेत-तुगलकाबाद कॉरिडोर, 20.20 किलोमीटर
6) रिठाला-बवाना-नरेला कॉरिडोर,   21.73 किलोमीटर

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