जानें, केजरीवाल ने हरियाणा को दिया कौन सा नया ऑफर

मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्‍ली में पानी की किल्‍लत को दूर करने के लिए दो प्‍लान तैयार किए हैं. पहले प्‍लान के तहत, उन्‍होंने हरियाणा को रोजाना 56.4 लीटर शोधित पानी देने की बात कही है. जिसके बदले में उन्‍होंने हरियाणा से इतने ही पानी को यमुना नदी में छोड़ने का प्रस्‍ताव रखा है. वहीं, दूसरे प्‍लान के तहत, अरविंद केजरीवाल ने शोधित किए गए 56.4 लीटर पानी को पल्‍ला इलाके से गुजर रही यमुना नदी में छोड़ने की बात कही है. 
उनके इस प्‍लान के तहत, यमुना नदी में छोड़े गए इस पानी को करीब 20 किमी दूरी पर स्थिति वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट में पुन: शोधित किया जाएगा. इस पानी को पीने योग्‍य बनाकर दिल्‍ली वालों को उपलब्‍ध कराया जाएगा. मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह दोनों प्रस्‍ताव ओखला इलाके में बनने वाले देश के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के शिलान्‍यास के दौरान दिल्‍लीवासियों के सामने रखे हैं. उन्‍होंने कहा कि इन दोनों योजनाओं की सफलता न केवल दिल्‍ली, बल्कि देश के लिए बड़ी संभावनाएं पैदा करेगी. 
मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ओखला इलाके में बनने वाले इस सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट से रोजाना करीब 56.4 करोड़ लीटर पानी रोजाना शोधित किया जाएगा. उन्‍होंने बताया कि जब उन्‍होंने इस पानी के इस्‍तेमाल के बाबत इंजीनियर्स से पूछा, तो उन्‍हें जवाब मिला कि शोधित पानी को यमुना नदी में बहा दिया जाएगा. उन्‍होंने कहा कि इतने बड़े तादाद में पानी को यूं ही बेकार नहीं किया जा सकता है. उनके पास दो ऐसे प्‍लान हैं, जिसके जरिए इस शोधित पानी का इस्‍तेमाल भी हो सकेगा और दिल्‍ली का जल संकट भी दूर हो जाएगा. 
मुख्‍यमंत्री केजरीवाल ने अपने पहले प्‍लान का खुलासा करते हुए कहा कि दिल्‍ली से सटे हरियाणा के सीमावर्ती इलाकों में सिंचाई के लिए पानी की बहुत दिक्कत है.  यहां से ट्रीट किया हुआ पानी सिंचाई के लिए बहुत अच्छा है. अगर हम यहां से निकलने वाला रोजाना 56.4 करोड़ लीटर पानी हरियाणा को उपलब्‍ध कराएं तो सिंचाई के लिए पानी की किल्‍लत को दूर किया जा सकता है. बदले में इतना ही पानी हरियाणा, उत्तर में हमें पल्ला में दे दे. इससे दिल्ली और हरियाणा दोनों का फायदा है.
अपने दूसरे प्‍लान का खुलासा करते हुए उन्‍होंने बताया कि हम दिल्ली में एक अन्य प्रयोग भी करने जा रहे हैं. हम कोरोनेशन प्लांट के एसटीपी का शोधित पानी पल्ला में छोड़ेंगे. इसके बाद पल्ला से 20 किमी दूर वजीराबाद में उस पानी को वापस निकालेंगे. इसके बाद इसे ट्रीट करके लोगों तक पहुंचाया जाएगा. अगर ये प्रयोग सफल हो गया तो दिल्ली और देश के लिए बहुत बड़ी संभावनाएं पैदा करेगा. उन्‍होंने कहा कि पानी की समस्‍या को देखते हुए दिल्‍ली में वाटर हार्वेस्टिंग और ग्राउंड वाटर रिचार्ज पर भी तेजी से काम किया जा रहा है. 

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