लोकसभा में DNA बिल, कांग्रेस बोली- नागरिकों के मूल अधिकारों के खिलाफ

लोकसभा में डीएनए टेक्नोलॉजी रेगुलेशन बिल सोमवार को लोकसभा में पेश हुआ. इसके प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने विरोध किया. इससे मिलता-जुलता एक बिल जनवरी में लोकसभा मे पास हुआ था. मगर लोकसभा भंग होने के बाद यह बिल लैप्स हो गया था जिसके बाद अब फिर से मोदी सरकार ने बिल को लोकसभा में पेश किया है.
लोकसभा में बिल पेश किए जाते समय कांग्रेस ने इसका जमकर विरोध किया. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह बिल मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. बिना कोर्ट की अनुमति के अंडरट्रायल व्यक्ति का डीएनए सैंपल एकत्र नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि डीएनए डेटा जुटाने का कोई प्रावधान नहीं है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आरोप लगाया कि डीएनए बिल के जरिए देश को सर्विलांस स्टेट बनाने की कोशिश है. उन्होंने पहले इसके स्थान पर डेटा प्रोटेक्शन कानून लाने की मांग की. शशि थरूर ने कहा कि आप घोड़े के आगे गाड़ी नहीं लगा सकते.
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विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने बिल पेश करते हुए कहा कि बिल को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं, उसमें कोई दम नहीं है. उन्होंने कहा कि कई स्तर से विचार-विमर्श के बाद बिल तैयार हुआ है. उन्होंने बताया कि काफी प्रयासों के बाद पिछली लोकसभा में इससे मिलता-जुलता बिल पास हुआ था. नेशनल डीएनए डेटा बैंक और रीजनल डीएनए डेटा बैंक बनाने की कोशिश है.

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