मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा- बरसात के पानी का संचयन पर हमें बल देना है

पानी जीवन के लिए जरूरी है। पानी की जरूरत आज सभी कार्य के लिए है। सभी को पानी चाहिए। लेकिन इसके संचयन के लिए बहुत कम लोग पहल करते हैं। जल के संचयन की दिशा में सरकार ने पहल करते हुए प्रधानमंत्री के दिशा निर्देश पर पूरे राज्य में जिला और पंचायत स्तर पर श्रमदान कार्यक्रम का आयोजन कर जल संचयन कार्यक्रम का शुभारंभ कर रही है। आपके जमुआरी गांव से भी इस अभियान का शुभारंभ हुआ है, अब आप भी एक कदम चलें सरकार चार कदम चलेगी। ये बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आयोजित जलशक्ति अभियान के तहत टीसीबी योजना के निर्माण एवं श्रमदान कार्यक्रम में कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी में गांव और शहर में पानी की समस्या से लोग जूझते हैं। अगर बरसात का पानी संचयन करें तो भूगर्भ जल में वृद्धि होगी। ऐसा करने से हमें धीरे-धीरे जल संकट से मुक्ति मिलेगी। राज्य सरकार ग्राम विकास समिति को 5 लाख रुपए दे रही है। ग्रामीण योजना बनाकर वर्षा जल को रोकने के लिए निर्माण कार्य कर सकते हैं। इस कार्य में किसी अधिकारी का हस्तक्षेप नहीं होगा। आपका गांव आपकी योजना की तर्ज पर कार्य होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में खेती की जमीन पर मेढ़ की चौड़ाई अधिक देखी जाती है। इस पर काष्ठ पेड़ लगा कर हम अपनी आमदनी का जरिया बना सकते हैं। मुख्यमंत्री जन वन योजना के माध्यम से सरकार इस कार्य के लिए 80% अनुदान प्रदान कर रही है। लोगों को इस योजना का लाभ लेना चाहिए।
मुख्यसचिव डीके तिवारी ने कहा कि राज्य में होने वाली बारिश का मात्र 6% जल का संचयन हो पाता है। जबकि 94% जल बह कर कहीं और चला जाता है। इस बात की गंभीरता पर सभी को विचार करना चाहिए। हम सभी अगर छोटे कार्य से पहल करें तो जल संचयन कर जल की जरूरत को पूरा किया जा सकता है।

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