प्रबोधन कार्यक्रम विधायकों के लिए एक सशक्त मंच - डॉ.मनमोहन सिंह

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि विश्व में संसदीय लोकतंत्र के बदलते परिदृश्य में राजस्थान एक अग्रणी प्रदेश के रूप में पहचाना जाता है। उन्होंने अपने दायित्व के प्रभावी निर्वहन के लिए राज्य विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को संसदीय प्रक्रियाओं, कार्यप्रणाली एवं नियमों की गहन जानकारी रखने का आह्वान किया। 

सिंह रविवार को 15वीं विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष डॉ.सी.पी.जोशी द्वारा राजस्थान विधानसभा में एक नवाचार के रूप में प्रारम्भ किया गया प्रबोधन कार्यक्रम नवनिर्वाचित सदस्य के लिए संसदीय प्रक्रियाओं, नियमों एवं परम्पराओं को समझने का एक सशक्त मंच है। 

उन्होंने कहा कि हर विधायक जनता के प्रतिनिधी के रूप में विधायी कार्य का संरक्षक है जिसे अपनी संविधान प्रदत्त विधायी, वित्तीय एवं संवैधानिक शक्तियों का जनसेवा के लिए मानवीय पक्ष को ध्यान में रखते हुए उपयोग करना चाहिए। सरकार एवं प्रतिपक्ष को मिलकर सहमति के आधार पर अग्रसर होना चाहिए।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रबोधन कार्यक्रम के माध्यम से विधायकगण राज्य के प्रति उनके संसदीय दायित्व को बेहतर तरीके से समझकर निर्वहन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हर विधायक का प्रथम कर्तव्य है कि वह अपनी विधानसभा क्षेत्र के निवासियों एवं राज्य की संसद के बीच कड़ी के रूप में काम करे। उसे विधायक कोष की राशि का सौ प्रतिशत उपयोग कर अपने विधानसभा क्षेत्र में आधारभूत संरचना, स्कूल, चिकित्सालय निर्माण जैसे कार्य कराने चाहिए। 

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