संस्कृत व संस्कृति के बगैर नहीं होगा नये भारत का निर्माण : राज्यपाल

स्वतंत्र भारत में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर राजभवन में राष्ट्रीय शास्त्रार्थ सभा हुई. इसमें मिथिला, काशी व दाक्षिणात्य के विद्वानों ने ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या, व्यापि लक्षणं व ब्रह्सूत्र शांकर भाष्य पर शास्त्रार्थ किया. 
राष्ट्रीय शास्त्रार्थ सभा का उद्घाटन राज्यपाल लालजी टंडन ने किया. राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से भारतीय संस्कृति का विकास होगा. साथ ही अपनी सांस्कृतिक परंपरा के प्रति शासन का आदर-भाव भी दृष्टिगोचर होगा. संस्कृत व संस्कृति के बगैर नये भारत का निर्माण संभव नहीं है. संस्कृत व संस्कृति का अर्थ लोग नहीं जानते हैं. 

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