कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष तंवर की ओर से बनाई इलेक्शन प्लानिंग कमेटी के अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी आमने-सामने

 हाईकमान की बिना मंजूरी के दो दिन पहले ही विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर किया गया इलेक्शन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट कमेटी का गठन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर पर उलटा पड़ गया, क्योंकि इसके लिए न किसी से मंजूरी ली और न प्रदेश के किसी नेता ने सलाह की गई। तंवर ने अपने स्तर पर ही इस कमेटी का गठन कर दिया। अब प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने इस कमेटी को अवैध ठहरा दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह घर बैठे कमेटी बनाई हुई है। ऐसा नहीं होता है।
कमेटी का गठन ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से किया जाता है। इससे पहले भी सभी से बातचीत होती है, लेकिन इन्होंने किसी से बातचीत नहीं की। प्रभारी की ओर से कमेटी के गठन को लेकर दिए तीखे बयान के बावजूद तंवर की ओर से कमेटी के बनाए गए कन्वीनर सुदेश अग्रवाल ने कहा है कि कमेटी की मीटिंग तो सोमवार को होगी। यदि जिन्हें अध्यक्ष की ओर से कमेटी सदस्य बनने का निमंत्रण दिया है, वे नेता नहीं आते हैं तो नियमानुसार मीटिंग के बाद दूसरे सदस्य भी बनाए जा सकते हैं। इधर, जिस दिन तंवर ने यह कमेटी बनाई थी, उसी दिन ही यह पार्टी में घमासान तय हो गया था, क्योंकि तंवर ने कुछ महीने पहले ही पार्टी में शामिल हुए सुदेश अग्रवाल के नेतृत्व वाली कमेटी में प्रदेश के सीनियर नेताओं को सदस्य बनने का निमंत्रण दिया था।
क्या बोले प्रभारी :
ये इलेक्शन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट कमेटी पीसीसीसी प्रेजिडेंट ने बनाई है। इसके लिए कोई अप्रूवल नहीं ली गई है। यह हमें मंजूर नहीं है। यह कमेटी किसी से पूछकर नहीं बनाई है, जबकि एआईसीसी भी ऐसी कोई कमेटी बनाती है तो नेताओं से पूछकर बनाती है। यह घर बैठकर बनाई गई है। साथ में कहा कि जहां भी किसी प्रदेश में प्रदेशाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को बदलने की बात है तो जहां जरूरत होगी, किया जाएगा। पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना है। 
हम कांग्रेस के लिए काम कर रहे, कोआॅर्डिनेशन कमेटी ने कुछ नहीं किया
प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर की ओर से बनाई गई कमेटी के कन्वीनर सुदेश अग्रवाल ने स्पष्ट कहा कि इस कमेटी की मीटिंग सोमवार की शाम को कांस्टीट्शनल क्लब ऑफ इंडिया में होगी। सदस्यों का 30 मिनट इंतजार किया जाएगा। नहीं आते हैं तो 30 मिनट के लिए मीटिंग स्थगित होगी। इसके बाद जितने भी सदस्य होंगे, वे मीटिंग में निर्णय लेंगे। यदि आमंत्रित किए गए सदस्य नहीं आते हैं तो बाद में नए सदस्य बनाए जाएंगे। अग्रवाल ने कहा कि यह कमेटी प्रभारी ने नहीं, प्रदेशाध्यक्ष ने बनाई है। प्रभारी ने क्या कहा, इसका जवाब वही देंगे। डेढ़ महीने से कोआर्डिनेशन कमेटी बनी हुई है, उसने अभी तक कुछ नहीं किया। हम पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। इगो के लिए काम नहीं कर रहे।
इस कमेटी के सदस्य कैप्टन ने माना- तंवर ने प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा 
पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि प्रभारी ने यह कमेटी भंग कर दी है। इसकी कोई वैधता नहीं है। इसके गठन में प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा गया। कोई कमेटी बनती है तो उसके लिए अप्रूवल जरूरी है। वैसे के लिए इसमें एआईसीसी, वर्किंग कमेटी आदि के सदस्यों को शामिल किया गया है। इसके लिए बाकायदा अप्रूवल जरूरी है। यह इनेलो और जजपा नहीं है। बता दें कि दो दिन पहले कैप्टन ने अपना प्रतिनिधि भेजने की बात कही थी। उल्लेखनीय है कि इस कमेटी में 4 माह पुराने कांग्रेसी को अध्यक्ष बना दिया गया है, जबकि प्रदेश के दिग्गज नेताओं को सदस्य बनने के लिए न्योता दिया गया है। यह बात प्रदेश के बड़े नेताओं के गले नहीं उतर रही। वे दबी जुबान से इसका विरोध भी कर रहे हैं।
यह है मामला
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने दो दिन पहले ही इलेक्शन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया था। इसका कन्वीनर मार्च में ही अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले समस्त भारतीय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे सु़देश अग्रवाल को बनाया। कमेटी को आगे मैनिफेस्टो, मीडिया आदि सब कमेटी बनाने का अधिकार भी दिया। इस कमेटी का सदस्य बनने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा, कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी, राज्यसभा सदस्य कुमारी सैलजा, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और विधायक कुलदीप बिश्नोई को सदस्य बनने के लिए पत्र भेजा गया।

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