क्या ऑनर किलिंग समाज के सामाजिक ताने-बाने के लिए एक चुनौती है?

क्या ऑनर किलिंग समाज के सामाजिक ताने-बाने के लिए एक चुनौती है? 25 जून को कोयंबटूर में और फिर अब गुरुवार को तूतुकुड़ी में अज्ञात लोगों ने बेदर्दी से एक और दंपती की हत्या कर दी।नाम था, साेलारीराज और ज्योति, ये दोनों अनुसूचित जाति के दो अलग समूहों से थे और दोनों ने घरवालों की मर्जी बगैर शादी की थी।घटना के बाद जब लड़के के घरवालों और पड़ोसियों की शिकायत के चलते पड़ताल की तो पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घटना के पीछे लड़की के घरवालों का हाथ हो सकता है।2010 के बाद से लगातार बढ़ रहे हॉनर किलिंग के मामलों ने 2015 से अब तक तक़रीबन 300 का आंकड़ा पार कर दिया है।हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और गुजरात के बाद ये हेट क्राइम्स अब साउथ इंडिया में भी बढ़ते नज़र आ रहे हैं जिसकी वजह कहीं न कहीं ऐसे मामलों में पुलिस का लैक ऑफ़ सप्पोर्ट तो है ही साथ ही क्षेत्रीय जगहों में खाप पंचायत जैसे कंगारू कोर्ट को सरकारी संगठन  जैसा सपोर्ट मिलना भी है।

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