आम बजट: उत्तराखंड समेत हिमालयी राज्यों के दामन में खुशियां

 गांव, गरीब, किसान के कल्याण, हर परिवार को घर, हर घर को नल, हर गांव और शहर को सड़कों से जोड़ने समेत ढांचागत बुनियादी सुविधाओं का मजबूत करने का केंद्र की मोदी सरकार के बजट का संकल्प उत्तराखंड समेत हिमालयी राज्यों के दामन में खुशियां बिखेरने जा रहा है। केंद्रपोषित योजनाओं में विशेष दर्जाप्राप्त इन राज्यों को बजट की प्राथमिकताओं से खास फायदा मिलना तय है। सीमित आर्थिक संसाधनों और चौतरफा पर्यावरणीय बंदिशों के चलते उत्तराखंड अवस्थापना विकास के लिए केंद्रपोषित योजनाओं पर ज्यादा निर्भर है। अब ये राज्य सरकार पर निर्भर है कि वह केंद्रपोषित व बाह्य सहायतित योजनाओं के रूप में मिलने वाली तकरीबन 15 हजार करोड़ की राशि का सदुपयोग किस हद तक कर पाती है। 
गरीबों को बिजली, पानी, शौचालय और एलपीजी कनेक्शन आदि सुविधाओं से युक्त आवास, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गांवों को सड़कों-संपर्क मार्गों से जोडऩे का लक्ष्य 2022 तक घटाकर 2019 किए जाने, खाद्य सुरक्षा बजट को तकरीबन दोगुना करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में अधिक फसलों को लाने और शहरी सुविधाओं के विस्तार, यानी गांवों से लेकर शहरों की जरूरत को केंद्र की मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल किया है। केंद्र का ये संकल्प केंद्रपोषित योजनाओं के जरिए राज्यों की दशा-दिशा बदलने में अहम योगदान करने जा रहा है।

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