नये उद्यमों की स्थापना प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए सरकार प्रयासरत : मुख्य सचिव

राज्य में नवीन उद्योगों की स्थापना, उनके समुचित संचालन व विकास के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाते हुए राज्य में स्थापित होने वाले उद्यमों को प्रारम्भिक वर्षो में विभिन्न एक्ट्स के अधीन दी जाने वाली स्वीेकृतियों एवं सम्बन्धित निरीक्षणों से मुक्त करने हेतु राजस्थान सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेन्ट एण्ड ऑपरेशन) ऑर्डिनेन्स, 04 मार्च 2019 को अधिसूचित किया गया है। मुख्य सचिव डी. बी. गुप्ता ने बताया कि नये उद्यमों की स्थापना हेतु इस प्रकार का अध्यादेश अधिसूचित करने वाला राजस्थान देश का प्रथम राज्य है तथा उच्चतम स्तर पर इस अध्यादेश के प्रावधानों की क्रियान्विति की समीक्षा की जा रही है।

मुख्य सचिव ने समस्त प्रभारी सचिवों को पत्र भेजकर बताया कि अध्यादेश के प्रावधानों के अनुसार उद्यमी एक निर्धारित प्रारूप में उद्यम स्थापना करने का आशय(Declaration of intent) नोडल एजेन्सी (बी.आई.पी) को प्रस्तुत करेगा और नोडल एजेन्सी द्वारा तदनुरूप ‘‘प्राप्ति का प्रमाण-पत्र (Acknowledgment Certificate) जारी किया जायेगा। यह प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद 3 वर्ष तक उद्यम विभिन्न विभागों की स्वीकृतियाें व निरीक्षणों से मुक्त रहेगा। उद्यमों को 3 वर्ष की समाप्ति के पश्चात् 6 माह में आवश्यक स्वीकृतियॉ प्राप्त करनी होगी।

मुख्य सचिव ने बताया कि समस्त जिला कलक्टर्स एवं सभी जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धकों, को आगामी विधानसभा सत्र प्रारम्भ होने से पूर्व प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित कर ऑर्डिनेन्स एवं राज उद्योग मित्र पोर्टल का व्यापक प्रचार प्रसार करने एवं इसकी विस्तृत जानकारी औद्योगिक संघाें एवं उद्यमों को प्रदान किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है। प्रभारी सचिवों द्वारा जिले की समीक्षा हेतु निर्धारित समीक्षात्मक बिन्दुओं में अध्यादेश के प्रचार प्रसार, प्रगति व क्रियान्वयन को भी सम्मिलित किया गया है।

More videos

See All