बजट स्पीच पर बोले चिदंबरम, क्या कॉमिडी है

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण की तीखी आलोचना की है। उन्होंने इसे अबतक के सबसे अस्पष्ट बजट भाषणों में से एक बताया है। इसके अलावा उन्होंने बिना पैन कार्ड के सिर्फ आधार कार्ड से आईटीआर फाइल कर सकने की घोषणा को कॉमिडी करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार कभी कुछ करती है, कभी कुछ जैसे कोई कॉमिडी चल रहा हो। 
'क्या कॉमिडी चल रही है?' 
बिना पैन कार्ड के सिर्फ आधार कार्ड के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की सुविधा के ऐलान पर चिदंबरम ने तीखा तंज कसा। कांग्रेस की पीसी में उन्होंने कहा, 'आपको याद होगा कि जब आधार को आईटीआर फाइलिंग के लिए अनिवार्य किया गया तो सवाल उठा कि जब पैन कार्ड है तो आधार की जरूरत क्या है। अब आप कह रहे हैं कि बिना पैन के आधार से ही आईटीआर फाइल कर सकते हैं। यह क्या कॉमिडी है? मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि पैन और आधार को तब लिंक करने की क्या जरूरत थी।' 
बेहद अस्पष्ट बजट भाषण, संसद में आंकड़ें न रखना अनैतिक: चिदंबरम 
चिदंबरम ने कहा कि बजट भाषण में यह तक नहीं बताया गया कि सरकार का कुल खर्च कितना है, कितना राजस्व मिला है। उन्होंने कहा, 'बड़ी तादाद में लोग बजट स्पीच सुनते हैं, उन्हें बजट डॉक्युमेंट नहीं मिलता। डॉक्युमेंट सांसदों को मिलते हैं लेकिन आप नहीं बताते कि सरकार का कुल खर्च कितना है, कितना राजस्व अर्जित हुआ...। आप लोगों को अंधेरे में क्यों रख रहे हैं। इन आंकड़ों का संसद में खुलासा नहीं करना अनैतिक है।... मुझे यह तक नहीं पता है कि रक्षा क्षेत्र को कितना आवंटित हुआ है। वैसे, मैं शाम तक या कल सुबह तक यह जान जाऊंगा। लेकिन मैं समझता हूं कि यह भारत के लोगों के साथ अन्याय है कि उन्हें आप न बताए कि डिफेंस को कितना दिया गया है, मनरेगा को कितना दिया गया है।' 
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कपड़े में बजट डॉक्यूमेंट ले जाने पर भी कसा तंज 
पी. चिदंबरम ने बजट डॉक्यूमेंट को ब्रीफकेस के बजाय लाल कपड़े में लपेटकर ले जाने पर भी तंज कसा। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि भविष्य में जब कांग्रेस का वित्त मंत्री बजट पेश करेगा तो वह डॉक्यूमेंट को आईपैड में ले जाएगा। 

'देश को पूरा सच बतातीं वित्त मंत्री' 
चिदंबरम ने कहा कि जब वित्त मंत्री ने दावा किया कि नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) एक लाख करोड़ रुपये घट गए हैं, लेकिन उन्हें साथ में यह भी बताना चाहिए कि उसी अवधि में बैंकों ने 5 लाख 55 हजार 603 करोड़ रुपये का कर्ज राइट ऑफ कर दिया। उन्होंने यह क्यों नहीं बताया, मैं नहीं जानता। 

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