कैसे मिले रोजगार, कहीं थम गई तो कहीं वर्षों से लटकी है बहाली

राज्य में तृतीय श्रेणी के विभिन्न पदों पर बहाली की प्रक्रिया लगभग थम गई है। स्थिति यह है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने इस साल एक भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की है। वहीं दूसरी तरफ, झारखंड लोक सेवा आयोग में विभिन्न पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया दो-दो साल से लटकी हुई है। कई अन्य बहालियां या तो नियमावली गठित नहीं होने या फिर अन्य कारणों से लटकी हुई हैं।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने पिछले साल दिसंबर माह में उत्पाद सिपाही के पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। उसके बाद आयोग से एक भी वेकेंसी नहीं निकली है। बताया जाता है कि कमजोर वर्गों को आरक्षण को लेकर अध्यादेश जारी होने की प्रत्याशा में भी कई पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा आयोग को नहीं मिल रही है। नियमावली में अस्पष्टता के कारण भी नियुक्ति के कई मामले लटके हुए हैं।
इनमें मॉडल स्कूलों व कल्याण विभाग के आवासीय स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति आदि शामिल हैं। जेएसएससी फिलहाल हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने में लगा है। दूसरी तरफ, जेपीएससी में कई बहालियां दो-दो साल से लटकी हुई हैं। इनमें हाई स्कूलों में 668 पदों पर प्रधानाध्यापकों, 24 जिला खेल पदाधिकारियों, पॉलीटेक्निक संस्थानों में व्याख्याताओं और विभागाध्यक्षों, असिस्टेंट पब्लिक हेल्थ अफसरों की नियुक्ति आदि शामिल हैं।
राज्य सरकार ने एक्सरे तकनीशियन, लैब तकनीशियन, फार्मासिस्ट, नर्स आदि पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा वर्ष 2015 में ही झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से की थी। आयोग ने बकायदा आवेदन भी मंगा लिए थे, लेकिन बाद में नियमावली में कुछ त्रुटि होने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया रद कर दी गई। आज तक यह दोबारा शुरू नहीं हो सकी है। दो साल बाद राज्य सरकार ने इस वर्ष जनवरी में नियुक्ति नियमावली तो गठित की, लेकिन रोस्टर क्लीयर करने व कमजोर वर्गों को आरक्षण के मसले पर अनुशंसा दोबारा आयोग को नहीं भेजी जा सकी है।

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