अडानी समूह को करारा झटका, वापस नहीं मिलेंगे 280 करोड़ रुपये

विवादों में रहे जंगी थोपन पावर प्रोजेक्ट के मामले में नामी अडानी समूह को सरकार ने करारा झटका दिया है। सूत्रों के अनुसार जयराम सरकार अडानी समूह की कंपनी को 280 करोड़ रुपये अपफ्रंट मनी वापस नहीं देगी। इस संबंध में बुधवार को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कोई राहत नहीं दी गई। अडानी के खिलाफ कोर्ट केस लड़ने पर मंत्रियों में सहमति बनी। सरकार ने इस पैसे पर हक जताया है। इसके साथ ही ब्रेकल कंपनी के खिलाफ विजिलेंस जांच जारी रखने की बात कही गई है।
बैठक में अडानी के दावे को पूरी तरह ठुकरा दिया गया। पूर्व कांग्रेस सरकार अडानी को बड़ी राहत देने की तैयारी में थी। लेकिन तत्कालीन ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा अड़ गए थे। हॉलैंड की कंपनी ब्रेकल पर हिमाचल की विजिलेंस एफआइआर दर्ज कर सकती है। 12 वर्ष पूर्व 2006 में किन्नौर में जंगी थोपन पोवारी पावर प्रोजेक्ट इस कंपनी को आवंटित किया गया था। आरोप है कि इसने अडानी के साथ साझेदारी की। यह विवाद सुप्रीमकोर्ट तक पहुंचा। रिलायंस कंपनी भी इस प्रोजेक्ट को लेने की इच्छुक थी। प्रदेश में भाजपा सरकार ने विदेशी कंपनी के खिलाफ जांच बैठाने का फैसला लिया। इस संबंध में तय हुआ कि विजिलेंस जांच करेगी। सरकार से केस दर्ज करने की अनुमति भी मिल गई है। अब जल्द ही प्राथमिकी दर्ज होगी।

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