Budget 2019: क्या हिमाचल की इन उम्मीदों को पूरा कर पाएंगे अनुराग ठाकुर?

क्या हिमाचल की उम्मीदों को केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर पूरा कर पाएंगे. आज यही सवाल हिमाचल के जनता के मन में हैं. हालांकि, निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी. लेकिन क्योंकि अनुराग ठाकुर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री हैं. ऐसे में हिमाचल उनसे काफी उम्मीदें लगाए हुए हैं.
धर्मशाला में नवंबर में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट प्रस्तावित है. ऐसे में इससे पहले, हिमाचल उद्योगों के लिए केंद्र से विशेष पैकेज चाहता है. अटल सरकार ने ऐसा ही पैकेज हिमाचल को दिया था, जिससे, हिमाचल में औद्योगिक रफ्तार आई थी. हिमाचल केंद्र से से कैपिटल इन्वेस्टमेंट सब्सिडी देने के अलावा कई तरह के करों में छूट चाह रहा है, ताकि प्रदेश में कच्चा माल सस्ती दरों पर पहुंचे और यहां उत्पादित सामान को बाहर भेजने में भी कम से कम लागत आए. हिमाचल के सोलन के बद्दीनालागढ़ में उद्योगों का पलायन हो रहा है. हिमाचल पर मौजूदा समय में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और अर्थव्यवस्था तंगहाली में है.
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Budget 2019: क्या हिमाचल की इन उम्मीदों को पूरा कर पाएंगे अनुराग ठाकुर?
आम बजट 2019: हिमाचल के सीएम ने हाल ही में इन्वेस्टर मीट के लिए तीन देशों के दौरे भी किए थे. इस दौरान 1600 करोड़ रुपये के एमओयू किए गए थे. ऐसे में सरकार को भी उम्मीद है कि अनुराग ठाकुर केंद्र से हिमाचल के लिए कुछ ना कुछ जरूर दिलवाएंगे.
 
 
बजट 2019: अनुराग ठाकुर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री हैं.
 
News18 Himachal Pradesh 
Updated: July 5, 2019, 10:23 AM IST
क्या हिमाचल की उम्मीदों को केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर पूरा कर पाएंगे. आज यही सवाल हिमाचल के जनता के मन में हैं. हालांकि, निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी. लेकिन क्योंकि अनुराग ठाकुर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री हैं. ऐसे में हिमाचल उनसे काफी उम्मीदें लगाए हुए हैं.

ये उम्मीदें हैं


धर्मशाला में नवंबर में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट प्रस्तावित है. ऐसे में इससे पहले, हिमाचल उद्योगों के लिए केंद्र से विशेष पैकेज चाहता है. अटल सरकार ने ऐसा ही पैकेज हिमाचल को दिया था, जिससे, हिमाचल में औद्योगिक रफ्तार आई थी. हिमाचल केंद्र से से कैपिटल इन्वेस्टमेंट सब्सिडी देने के अलावा कई तरह के करों में छूट चाह रहा है, ताकि प्रदेश में कच्चा माल सस्ती दरों पर पहुंचे और यहां उत्पादित सामान को बाहर भेजने में भी कम से कम लागत आए. हिमाचल के सोलन के बद्दी, नालागढ़ में उद्योगों का पलायन हो रहा है. हिमाचल पर मौजूदा समय में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और अर्थव्यवस्था तंगहाली में है.
बजट में हिमाचल की रेल परियोजनओं के लिए भी लोगों को उम्मीदें हैं.

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