केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में आम बजट 2019-20 पेश करेंगी. एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बजट होगा. नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा डाली गई परंपरा के अनुसार, रेल बजट भी आम बजट में समाहित होगा. संसद बजट पर आठ जुलाई से चर्चा शुरू कर सकती है जबकि अनुदान मांगों पर मतदान 11 से 17 जुलाई के बीच हो सकता है.
सरकार को चालू वित्त वर्ष 2019-20 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने की उम्मीद है. गुरुवार को संसद में 2018-19 की आर्थिक समीक्षा पेश करते हुए सीतारमण ने यह अनुमान जताया. भारत 2018-19 में विश्व की तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. ऐसा 2017-18 के 7.2 प्रतिशत GDP वृद्धि से 2018-19 में 6.8 प्रतिशत के मामूली परिवर्तन के बावजूद हुआ है.
बजट 2019: क्या है चुनौती?सीतारमण को एक मंद होती अर्थव्यवस्था और बाजार की कठिन स्थिति में सरकार के बटुए को भरने के लिए ऐसे समय में एक कठिन विनिवेश लक्ष्य को पूरा करना है, जब कर राजस्व निश्चित रूप से कम आने वाला है. सरकार विनिवेश के जरिए 90,000 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश में है, जो पिछले साल के विनिवेश से प्राप्त 85,000 करोड़ रुपये से अधिक है.
ये भी पढ़ें आर्थिक समीक्षा से लगता है कि सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर निराश है- पी चिदंबरमभारत की GDP वित्त वर्ष 2019 की अंतिम तिमाही में फिसल कर 5.8 प्रतिशत हो गई, जो इसके पहले की तिमाही की 6.6 प्रतिशत से कम है. और साथ ही चीन की 6.4 प्रतिशत वृद्धि दर से भी कम है. खपत मांग और निवेश चक्र ऐसे समय में सरकार पर उच्च खर्च के लिए दबाव बना रहे हैं, जबकि राजस्व घट गया है. रोजगार सृजन नहीं हो रहा है और बेरोजगारी दर सर्वोच्च 6.1 प्रतिशत पर है.