हिमाचल प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद, सियासत शुरू, ये बोली कांग्रेस
हिमाचल कैबिनेट के प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद करने के फैसले पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने फैसले को गलत करार दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने खुले दिमाम से नहीं बल्कि जल्दबाजी में फैसला किया है. अगर ट्रिब्यूनल में कमियां थी तो उन्हें दूर कर इसे मजबूत बनाया जा सकता था. सरकार को अधिवक्ताओं और कर्मचारी संगठनों से भी बात करनी चाहिए थी. राठौर ने सरकार को इस मुद्दे पर आड़े हाथों लिया है.
हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग में बुधवार को प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को भंग कर दिया है. अटकलों और बुधवार को बैठक में लंबी चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया. इसके साथ ही अब सरकारी कर्मचारियों के मसले हाईकोर्ट शिफ्ट हो जाएंगे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में ट्रिब्यूनल भंग करने का एजेंडा रखा गया. इससे पहले, धूमल सरकार के कार्यकाल में जुलाई 2008 में भी ट्रिब्यूनल भंग किया गया था. लेकिन फरवरी 2015 में कांग्रेस सरकार ने इसे फिर बहाल कर दिया था. अब इसे भंग कर दिया गया है. 2008 में सारे मामले हाईकोर्ट को शिफ्ट किए गए थे.