टिहरी झील में सी-प्लेन का रास्ता साफ़, AAI और राज्य सरकार के बीच MOU पर हस्ताक्षर

टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन की दिशा में शुरूआत हो गई है. बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन के लिए वाटरड्रोम की स्थापना के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और राज्य सरकार के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. वाटर ड्रोम की स्थापना के लिए एमओयू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है.  इसी दौरान पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी में हवाई सेवाओं के सफल संचालन के लिए भी सीएनएस-एटीएम (कम्यूनिकेशन, नेवीगेशन, सर्विलांस एंड एयर ट्रैफिक मेनेजमेंट सर्विसेज) एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए.
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसे राज्य के लिए ऐतिहासिक अवसर बताते हुए कहा कि टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन के लिए बड़ी शुरूआत हुई है. इससे टिहरी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. क्षेत्र में पर्यटन संबंधी गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी. जिससे स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों को लाभ होगा. पिछले कुछ समय में टिहरी की पहचान प्रमुख टूरिस्ट डेस्टीनेशन के तौर पर बनी है.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार की संयुक्त सचिव उषा ने बताया कि राज्य में 13 हैलिपोर्ट विकसित किए जाने हैं इनमें से 10 की डीपीआर दे दी गई है. जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट को भी विकसित किया जा रहा है. इसके टर्मिनल की क्षमता को 150 से बढ़ाकर 1800 किया जाएगा.

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