सरकार के एक फैसले से 105 बच्चे पढ़ाई छोड़ने को मजबूर, जानिए वजह

जहां एक तरफ सरकार बच्चों को पढ़ाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है. वहीं राजस्थान के शिक्षा विभाग के एक आदेश ने हनुमानगढ़ के 105 बच्चों का भविष्य अंधकार में कर दिया है और अब बच्चे स्कूल से पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हैं.

दरअसल मामला जिले के कैनाल कॉलोनी के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का है, जहां कल तक इस विद्यालय गरीब मजदूर परिवारों के बच्चे पढ़ाई कर रहे थे और पढ़-लिखकर कुछ बनने का सपना देख रहे थे, लेकिन अब विद्यालय का महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में मर्ज होने के कारण प्राचार्य को इन स्कूल में पढ़ रहे बच्चों की टीसी काटने के आदेश जारी हो चुके हैं

टीसी काटने के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने इन बच्चों के परिजनों को बच्चों का दाखिला दूसरे अन्य विद्यालयों में करवाने को कहा है, लेकिन इलाके में इस विद्यालय के आलावा नजदीक के तीन वार्डों में 4 किलोमीटर के दायरे में दूसरा कोई विद्यालय ही नहीं है. और इसके लिए भी बच्चों को व्यस्त रेलवे लाइन को पार करके स्कूल जाना पड़ेगा, जिससे दुर्घटनाओं की भी संभावना है. ऐसे में अब बच्चों और बच्चों के परिजनों ने पढ़ाई छोड़ने की बात कही है.

जानकारी के मुताबिक महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल जिला प्रशासन के गले की फांस बना हुआ है और राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय का चयन महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल के लिए हुआ था, जिसका जनता ने विरोध भी किया. विरोध के बाद अधिकारियों ने आनन-फानन में कैनाल कॉलोनी के इस विद्यालय का चयन इंग्लिश मीडियम स्कूल के लिए कर दिया और 105 बच्चों के भविष्य को अंधकार में झोंक दिया और अब इस स्कूल के बंद होने के बाद बच्चों को मजबूरी में पढ़ाई छोड़कर मजदूरी की तरफ जाना होगा.

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