पश्चिम बंगाल में कई सरकारी योजनाओं के लिए लोगों को ‘फिक्स्ड दाम’ चुकाने पड़ते हैं. किस योजना के लिए कितनी ‘कट मनी’ ली जाती है, इसका खुलासा नागरिकों ने ही किया. द इंडियन एक्सप्रेस ने ग्रामीणों से बातचीत की, जिसके बाद एक ‘रेट लिस्ट’ सामने आई. लोगों से 200 से लेकर 25 हजार रुपये तक ‘कट मनी’ के रूप में लिए जाते हैं. मसलन उज्ज्वला योजना के तहत LPG कनेक्शन हासिल करने के लिए 500-600 रुपये ‘कट मनी’ देनी पड़ती है.
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- उज्ज्वला योजना के तहत प्रति LPG कनेक्शन 500-600 रुपये
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने में 1.20-1.35 लाख रुपये तक की मदद के लिए 10,000-25,000 रुपये
- स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के तहत टॉयलेट बनाने के लिए 12,000 रुपये की मदद हासिल करने को हर एक से 900-2,000 रुपये
- मनरेगा जॉब कार्ड धारक से 20-40 रुपये प्रतिदिन. यह पैसा जब खाते में पहुंच जाता है तो सुपरवाइजर इकट्ठा करता है
सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाने के बदले कमीशन या ‘कट मनी’ लेने की बात नई नहीं है. 2011 में तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद इसमें बढ़त ही आई. हालांकि पिछले महीने जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘कट मनी’ के तौर पर लिए गए रुपये वापस करने को कहा, तबसे लोग स्थानीय नेताओं पर दबाव बनाने लगे हैं.
18 जून को पार्टी पार्षदों की बैठक में शुरू हुआ, जब ममता बनर्जी ने सरकारी कल्याण योजनाओं को लागू करने के लिए पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा पैसे लेने को लेकर फटकार लगाई और पदाधिकारियों को जिन लोगों से पैसा लिया है उन्हें वापस करने को कहा. इसे लेकर कुछ दिनों में प्रदर्शन शुरू हो गया. इसे लेकर तृणमूल नेताओं, पार्षदों व पंचायत अधिकारियों के घरों का घेराव किया गया और उन पर कमीशन लेने का आरोप लगाया और उसे वापस करने की मांग की. TMC लगातार ये कहती आई है कि उसके ‘केवल 0.1 फीसदी जनप्रतिनिधि’ ही ऐसी गतिविधियों में लिप्त थे और ‘उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है.’ पार्टी ने लोगों की शिकायतें सुनने के लिए एक स्पेशल सेल भी शुरू की है.