मेडिकल कॉलेजों में संविदा पर नियुक्त होंगे प्रोफेसर, कैबिनेट ने दी मंजूरी

विधानसभा का मॉनसून सत्र 22 जुलाई से 26 जुलाई तक होगा। इसके एक बार फिर हंगामेदार होने की संभावनाओं के बीच तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्य कैबिनेट ने इस मसले पर प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। पांच दिवसीय सत्र में पहला दिन औपचारिकताओं में बीतेगा जबकि अगले चार दिनों तक प्रश्नकाल का आयोजन व अन्य गतिविधियां होंगी। कैबिनेट ने 14 और प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कर दी है। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी सचिव अजय कुमार सिंह ने दी। राज्य में सरकारी खरीदारी को लेकर तैयार प्रोक्यूरमेंट पॉलिसी में व्यापक फेरबदल किया गया है। 
उद्योग सचिव के. रविकुमार ने बताया कि लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ नियमों में ढील देने का निर्णय लिया गया है। अब स्टार्ट अप के तहत बने नए उद्योगों को टर्नओवर और कार्य अनुभव जैसी शर्तों से मुक्त कर दिया गया है। इनकी सामग्री की गुणवत्ता के आधार पर इन्हें खरीदारी प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। खरीदारी करनेवाले विभाग इसके लिए इनकी गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं। पूर्व में इसके तहत चिह्नित उत्पादों (35) को बढ़ाकर अब 66 कर दिया गया है। इसके अलावा जीएसटी भरने में आ रही दिक्कतों को भी दूर कर दिया गया है।

प्रदेश के प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में अब अनुबंध पर प्राध्यापक और सह प्राध्यापक नियुक्त किए जा सकेंगे। पीएमसीएच (धनबाद), एमजीएम (जमशेदपुर) के साथ-साथ अभी बनकर तैयार दुमका, हजारीबाग और पलामू मेडिकल कॉलेज में 76 प्राध्यापक और 93 सह प्राध्यापक नियुक्त होंगे। इन्हें एक वर्ष के लिए फिलहाल नियुक्त किया जाएगा। प्रोफेसर को 1.62 लाख रुपये और सहायक प्रोफेसर को 1.04 लाख रुपये मानदेय के अलावा 20 फीसद भत्ता भी मिलेगा। इससे इन कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सकेगा।

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