क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के लिये हडको एवं सहकारी आवासन संघ का एमओयू

रजिस्ट्रार सहकारिता डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि वर्ष 2022 तक सभी के लिये आवास की केन्द्रीय सरकार की महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री आवास योजना- क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीमका लाभ राज्य के पात्र आवेदकों को दिलाये जाने के लिये राजस्थान राज्य सहकारी आवासन संघ लि., जयपुर के प्रशासक विजय कुमार शर्मा की उपस्थिति में सुधीर कुमार भटनागर, क्षेत्रीय प्रमुख, हड़को जयपुर एवं आर के.. शर्मा, प्रबंध निदेशक, आवासन संघ के मध्य समझौता ज्ञापन एमओयू निष्पादित किया गया। 
उन्होंने बताया किक्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीमके द्वारा राज्य की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री जन आवास योजना के आवेदकों को भी 2.67 लाख रुपये तक का ब्याज अनुदान प्राप्त हो सकेगा।

डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों के शीर्ष सहकारी आवासन संघों में राजस्थान का सहकारी आवासन संघ सर्वप्रथम है जिसने हड़को के साथ एम ओ यू किया है। इससे न केवल संघ के ऋण व्यवसाय में वृद्धि होगी अपितु सहकारी क्षेत्र के माध्यम से राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को आवास प्राप्त करने में मदद प्राप्त होगी।

आवासन संघ के प्रशासक विजय कुमार शर्मा ने सहकारी आवासन संघ द्वारा किये जा रहे नवाचारों के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि संघ शीघ्र ही स्वयं के स्तर पर मुख्यमंत्री जन आवास योजना में फ्लेट्स निर्माण की परियोजना का क्रियान्वयन प्रारम्भ करेगा।

क्षेत्रीय प्रमुख हडको भटनागर नेक्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की विस्तृत रूपरेखा बताते हुए अवगत कराया कि इस योजना के अन्तर्गतई डब्लयू एसए एल आई जीए एम आई जी I एवं एम आई जी II श्रेणी के आवेदक जिनकी वार्षिक आय 18.00 लाख रुपये तक है एवं जिनके पास कोई मकान उपलब्ध नहीं है तथा जिन आवासों का कारपेट एरिया 200 स्क्वायर मीटर से कम है पात्र है, ऎसे आवेदकों को संबंधित श्रेणी के अनुरूप इसका लाभ प्राप्त होगा। इस योजना में प्राप्त अनुदान सीधे मूलधन से कम कर दिया जाता है जिससे की लाभार्थी की ऋण पात्रता भी अधिक हो जाती है।

उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत कई बैंकों एवं अन्य संस्थाओं जिनके साथ हडको से एम ओ यू हुए है उनके द्वारा ग्राहकों को सीधे अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक हडको द्वारा योजनान्तर्गत 14.52 करोड़ रुपये की अनुदान राशि ग्राहकों को उपलब्ध कराई जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में लाभार्थियों को 10.37 करोड़ रुपये की अनुदान राशि अवमुक्त की गई है।
 

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