कश्मीर में राष्ट्रपति शासन 6 महीने बढ़ाने के प्रस्ताव को संसद की मंजूरी

राज्यसभा में निर्विरोध रूप से जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल को पारित कर दिया गया. इसके साथ ही सदन ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन 6 महीने के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को भी ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
अमित शाह ने कहा कि सेना के जवानों की सुरक्षा के लिए अगर आम ट्रैफिक को रोका जाए तो हम इससे पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसा होता आया है और हमारे 40 जवान मारे गए हैं, ऐसे में हम कैसे चुप बैठ सकते हैं. अमित शाह ने कहा कि अमरनाथ यात्रियों के सुरक्षा के लिए नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक कुछ घंटों के लिए रोकने का फैसला लिया गया है और यह जम्मू कश्मीर की आवाम के हित में है. उन्होंने कहा कि अलगाववाद की बात करने वाले, स्कूल बंद कराने वाले नेताओं के बच्चे विदेश में पढ़कर अच्छी नौकरी कर रहे हैं, इसलिए घाटी के लोग अलगाववादियों की बातों में न आएं. शाह ने कहा कि घाटी हमारे भी है जितना भाव आजाद जी के दिल में शायद उससे ज्यादा भाव हमारे दिल में है. उन लोगों को भी विकाज की धारा से जोड़ने का काम किया है.
अमित शाह ने कहा कि हम नेहरू जी के बारे में कोई गलत विचार जनता के बीच खड़ा नहीं करना चाहते. इतिहास की भूलों से जो लोग नहीं सीखते उनका भविष्य अच्छा नहीं होता. इतिहास की भूलों की चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शहीदों के लिए हमारे दिलों में पूज्यभाव है क्योंकि इन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिए हैं. शाह ने कहा कि जब एक तिहाई कश्मीर पाकिस्तान के कब्जे में था तो आपने सीजफायर क्यों कर दिया. अगर ये नेता होता तो आज आतंकवाद नहीं होता, सीजफायर नहीं होता तो आज ये झगड़ा नहीं होता. सरदार पटेल तब न बोलते रहे लेकिन हम संयुक्त राष्ट्र क्यों गए थे. क्या यह गलती नहीं है. जनमत संग्रह के लिए हमने उस वक्त क्यों सहमति दी थी, गलती की गईं हैं तो सवाल पूछे जाएंगे. हैदराबाद में निजाम संधि के लिए भी तैयार नहीं थे फिर भी सरदार पटेल ने भारत की झोली में हैदराबाद के डाला था.

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