छत्तीसगढ कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ा, जानें क्यों छलके सीएम भूपेश बघेल के आंसू

बस्तर संभाग के कोंडागांव से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए मोहन मरकाम ने शनिवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान विधिवत संभाल ली। राजीव भवन में आयोजित पदभार ग्रहण कार्यक्रम में निवर्तमान पीसीसी अध्यक्ष व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मरकाम को गले लगाकर प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाया। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपने आखिरी भाषण में भूपेश बघेल उस समय भावुक हो गए, जब वे अपने कार्यकाल के संघर्षों का जिक्र कर रहे थे। जिस वक्त भूपेश के आंसू टपक रहे थे, उस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता उनके जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। भूपेश ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के साथियों ने संघर्ष का रास्ता अपनाया। भाजपा सरकार के खिलाफ पदयात्रा और आंदोलन किए।
इस दौरान हर पदयात्रा में मोहन मरकाम साथ रहे। उन्होंने कहा कि संघर्ष के साथी को जिम्मेदारी मिली है, हम सब उनके साथ हैं। भूपेश ने कहा कि टीएस सिंहदेव का साथ न मिलता तो इतनी बड़ी जीत हासिल नहीं कर पाते। सत्ता से बाहर रहने के दौरान पार्टी के लोगों ने एकजुट होकर मेहनत की थी।

हमने नसबंदी कांड से लेकर अनेक आंदोलन किया। किसानों, मजदूरों, आदिवासियों और महिलाओं के हितों के लिए आंदोलन किया था। छत्तीसगढ़ में आज हमारी सरकार है। आप सब के साथ मोहन मरकाम ने भी कदमताल किया था। वे हमेशा आगे रहते थे, हम लोग काफी पीछे रहते थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं की देश भर में मिसाल देते हैं। भूपेश ने कहा कि राहुल गांधी लगातार मॉनिटरिंग करते रहे और हमें गाइड करते रहे।

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