पंजाब में महंगी बिजली के खिलाफ आंदोलन को आम आदमी पार्टी देगी धार
आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पंजाब कोर कमेटी की बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि पंजाब में महंगी बिजली के खिलाफ चल रहे आंदोलन को अब और धार दी जाएगी। इसके माध्यम से बिजली को लेकर पिछली अकाली दल बादल-भाजपा सरकार और अब कांग्रेस सरकार द्वारा महंगी बिजली देने के फैसलों से जनता को अवगत कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री आवास पर शनिवार को हुई बैठक के बाद आप के पंजाब अध्यक्ष व सांसद भगवंत सिंह मान ने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी संगठन की यह पहली बैठक थी। इसमें पंजाब में शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र को लेकर पार्टी की रणनीति पर चर्चा की गई।
इसके अलावा पंजाब में महंगी बिजली को लेकर आंदोलन तेज किए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि पंजाब के संगठन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। सभी ने लोकसभा चुनाव में अच्छा काम किया है। जब दिल्ली दे रही सस्ती बिजली तो पंजाब सरकार क्यों नहीं? विधायक व बिजली आंदोलन के संयोजक अमन अरोड़ा ने कहा कि जब दिल्ली सरकार सस्ती बिजली दे सकती है, तो पंजाब सरकार क्यों नहीं।
पार्टी इसी रणनीति के साथ पंजाब में महंगी बिजली के खिलाफ आंदोलन छेड़ेगी। उन्होंने कहा कि पिछली बादल सरकार पंजाब को बिजली सरप्लस स्टेट बताती रही है, फिर भी पंजाब देश में सबसे महंगी बिजली देने वाले राज्यों में शामिल है। दूसरी तरफ दिल्ली सरकार सारी प्राइवेट कंपनियों से बिजली खरीद कर देने के बाद भी सस्ती बिजली उपभोक्ताओं को दे रही है।
दरअसल दिल्ली में बिजली माफिया खत्म कर दिए गए हैं। पंजाब सरकार को भी पिछली बादल सरकार द्वारा लाए गए निजी थर्मल प्लांट माफिया को खत्म करना चाहिए। चुनाव से पहले कांग्रेस ने भी यह वादा जनता से किया था। विधायक मीत हेयर को पंजाब में बिजली आंदोलन के प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस मौके पर आप विधायक कुलतार सिंह संधवां, रुपिंदर कौर रूबी, मीत हेयर, कुलवंत सिंह पंडोरी, राजनीतिक समीक्षा समिति के चेयरमैन हरचंद सिंह आदि मौजूद थे। आप पंजाब के वरिष्ठ नेता व पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने तीन प्राइवेट थर्मल प्लांटों के साथ उच्च दरों पर बिजली खरीद समझौता किया था।