G20 में बजा नरेंद्र मोदी का डंका, भारत की हुई ‘JAI’

जापान के ओसाका में जारी जी-20 सम्मेलन के ईर्द गिर्द कई देश अलग से भी बातचीत में मशगूल हैं. सुनहरा मौका देखकर भारत ने भी द्विपक्षीय और त्रिपक्षीय वार्ताएं की हैं लेकिन इनमें सबसे अहम रही JAI की बैठक. पीएम मोदी ने पहले भी JAI के जुड़ने को लेकर बड़ी आशाएं व्यक्त की थीं और इस बार बीस मिनट की बैठक ने उनके विश्वास की पुष्टि ही की. यहां J से मतलब जापान है,  A से अमेरिकी और  I से इंडिया.
तीनों दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं और दुनिया की नज़रों में खास तौर पर रहती हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने बीस मिनट की अपनी मुलाकात में कई मुद्दों पर बातें कीं. बैठक में मोदी ने फिर JAI का नारा दिया. उन्होंने कहा कि जय का मतलब जीत होता है. आने वाले वक्‍त JAI दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियों का केंद्र होगा. इस मौके पर शिंजो एबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाल में मिली चुनावी जीत पर बधाई मिली. ट्रंप ने कहा कि आप दोनों अपने देशों के लिए अच्‍छा काम कर रहे हैं.
बैठक के बाद मोदी ने मुलाकात को लाभप्रद कहा और ट्वीट किया- “आज की JAI (जापान, अमेरिका, भारत) की त्रिपक्षीय बैठक लाभप्रद रही. हमने भारत-प्रशांत क्षेत्र, कनेक्टिविटी में सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास के सुधार पर व्यापक चर्चा की.” इस त्रिपक्षीय बैठक की शुरूआत में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ, वाणिज्य सचिव विल्बर रॉस, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन, ट्रंप के दामाद और सलाहकार जारेड कुशनर उपस्थित थे.
नरेंद्र मोदी की जापान में JAI के बहुत मायने हैं. अमेरिका और जापान तकनीक और पूंजी में बेहद ताकतवर हैं और कॉरपोरेट सेक्टर में तेज़ी इनके सहयोग के बिना काफी मुश्किल है. भारत में बुलेट जैसे उपक्रम जापान की सहायता से चल रहे हैं जबकि अमेरिका की बड़ी कंपनियों के दफ्तर भारत में हैं. बड़ी तादाद में भारतीय सामान अमेरिका में बेचे जाते हैं. दशकों से भारतीय अमेरिका में रोज़गार पाते हैं. ऐसे में मोदी ने JAI का जो नारा दिया और अब वो उस पर जिस तरह चल रहे हैं वो भारत की आर्थिक मज़बूती के लिए बेहद कामयाब माना जा रहा है. उनके आह्वान में ट्रंप-एबे का शामिल होना दिखाता है कि भारत की ज़रूरत और उसकी अहमियत को दरकिनार नहीं किया जा सकता.

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